जबलपुर भी बने मेट्रोपॉलिटन रीजन- फेडरेशन ऑफ मप्र चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

जबलपुर। वर्ष 2047 की विजन एवं परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश शासन द्वारा इंदौर भोपाल क्षेत्र को मेट्रोपॉलिटन रीजन के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई है जिससे आने वाले वर्षों में समग्र तौर पर यह क्षेत्र विकसित हों तथा यह क्षेत्र स्वयं में आत्मनिर्भर बन सकें। इस आशय पर फेडरेशन ऑफ़ मध्य प्रदेश चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष एवं जबलपुर संघर्ष समिति के संयोजक हिमांशु खरे ने प्रदेश शासन को सुझाव दिया है की जबलपुर में भी मेट्रोपॉलिटन रीजन विकसित होना चाहिए क्योंकि यहां की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है, संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है तथा समग्र समुचित विकास का आभाव भी देखने में आ रहा है। इस हेतु सुझाव उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है जिसमें जबलपुर, कटनी, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर आदि जिलों की तहसीलों को मिलाकर जबलपुर मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाया जाए।
हिमांशु खरे ने बताया कि वृहद स्तर पर इस सकारात्मक सोच को परिणाम तक पहुंचाया जा सकता है जिसमें नई सैटलाइट टाउनशिप, ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट्स, रिन्यूएबल एनर्जी पार्क, नवीन औद्योगिक क्लस्टर, एजुकेशन जोन, मेडिसिटी आदि योजनाओं को समाहित कर एक मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा की चूंकि इंदौर तथा भोपाल विकसित हैं एवं जबलपुर विकासशील है अतः यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि विकासशील क्षेत्र को विकसित किया जाए जिससे महाकौशल क्षेत्र को यह लाभ प्राप्त हो सके।
बुनियादी ढांचे और स्मार्ट सिटी विकास
समिति के बलदीप मैनी, मनु शरत तिवारी, सोहन परोहा, सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रयास से नए उद्योगों और निवेशकों को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा। नई टाउनशिप, लॉजिस्टिक पार्क, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। स्वच्छता, सीवरेज, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
पर्यावरण और जल संरक्षण जबलपुर संघर्ष समिति के जितेन्द्र पचौरी, दीपक सेठी, प्रीति चौधरी, मुनींद्र मिश्रा, अनुराग जैन के अनुसार इस योजना से पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए हरे क्षेत्रों और जल स्रोतों को संरक्षित किया जाएगा। झीलों, तालाबों और छोटे नदियों को भी संरक्षित किया जाएगा। जबलपुर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के तौर पर विकसित करने जबलपुर संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा करेगा।

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