डोरीलाल की चिंता- राष्ट्रीय संकट और देश सेवा

वो काफी हड़बड़ाया हुआ था। जल्दी में था। उसे तत्काल उसकी समस्या का समाधान चाहिए था। उसने आते ही कहा कि डोरीलाल जी देश संकट में है। युद्ध छिड़ गया है। यही मौका है कि पाकिस्तान का फन कुचल देना चाहिए। कश्मीर पर पूरा कब्जा करने का समय आ गया है। अभी नहीं तो कभी नहीं। हम लोग पाकिस्तान को मिटा डालेंगे। आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है। आप यहां घर में आराम से बैठे हैं। चलिए समय आ गया है कि देश के लिए हम अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दें। उसने कुछ नारे भी लगाए।
             मैंने उसे बैठाया। पानी पिलाया। उससे कहा कि बात क्या है ? और तुम मेरे पास ही क्यों आए हो ? उसने कहा कि देश संकट में है ये जानकर मैं सब काम धंधा छोड़ कर देश सेवा में लग गया हूं। मैं लगातार टी वी चैनलों की ब्रेकिंग न्यूजों पर नजर गड़ाए हुए हूं। लगातार फेसबुक और व्हाट्सएप पर हर पोस्ट दो दो बार पढ़ रहा हूं। मेरा मोबाइल राइफल के समान दनादन पोस्ट मार रहा है। मैंने कहा कि तुम तो देश के लिए काफी काम कर रहे हो फिर तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है कि तुम कुछ नहीं कर रहे हो। देश के लिए तुम्हें काम धंधा बंद करने की जरूरत नहीं है। तुम देश और धंधा दोनों एक साथ सम्हाल सकते हो। सब लोग यही कर रहे हैं। तुम चारों ओर देखो किसी ने कोई काम बंद नहीं किया है। सब लोग अपनी नौकरी, अपना धंधा कर रहे हैं। वो सब अपने मोबाइल पर लगातार आन लाइन हैं। मोबाइल बार बार डिसचार्ज होता है। वो बार बार चार्ज करते हैं।
          उसे संतोष नहीं हुआ। उसने कहा कि मैं पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहता हूं। मैं पाकिस्तान का नाम दुनिया के नक्शे से मिटा दूंगा। मैं पाकिस्तान को मिट्टी में मिला दूंगा। जो भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा उसकी आंखें फोड़ दूंगा। मैंने उससे कहा कि इसके लिए भारतीय फौज है।
              मैंने कहा अब समय बदल गया है। लड़ाई का तरीका बदल गया है। अब तुम अपने मोबाइल से फेसबुक और व्हाट्स एप पर विस्फोटक जहरीली पोस्ट लगा करके भी पाकिस्तान को नष्ट कर सकते हो। पाकिस्तान को नष्ट करने तुम इतनी दूर कहां जाओगे ? तुम ऐसा करो कि देश के अंदर दुश्मन बनाओ और उन्हें खत्म कर दो। खत्म करने के लिए तुम्हें कोई फौजदारी एक्शन नहीं लेना है। वो तुम कर भी नहीं सकते। तुम विशेषज्ञ वरिष्ठ लोगों का मार्गदर्शन प्राप्त करो। उनका लेखन देखो। कैसे दुश्मन की पहचान की जाती है, कैसे उसे धमकाया जाता है। कैसे उसका नामकरण किया जाता है।
          वो बोला कि अब मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा है। मैंने कहा कि हर लड़ाई की कुछ शब्दावली होती है। उसे सीखो। वैसे तुम इतने भोले नहीं हो। जितने भोले दिखने की कोशिश कर रहे हो। तुम राष्ट्रभक्ति की मिडिल क्लास तक तो पढ़ चुके हो। हायर सेकेन्डरी में हो। तो जो लोग इस विषय में बी ए एम ए कर चुके हैं उनकी पोस्ट पढ़ो। कई पी एच डी भी हैं। उनसे सीखो। आई टी सैल से रेडीमेड माल 24 घंटे सप्लाई किया जाता है। तुम्हें भी 24 घंटे जुटकर ये माल जन जन तक पंहुचाना है। ये काम तुम्हें तुरंत करना होगा क्योंकि महाभारत का युद्ध भी 18 दिन ही चला था। ये युद्ध आखिर कितने दिन चलेगा।
           अब तुम्हें इतना करना है कि अपने परिचितों, दोस्तों में तुम्हें उन लोगों की खोज करना है जो शांति, प्रेम, सभी धर्मों में सदभाव की बात करते हैं। जो कहते हैं कि युद्ध बुरा है। जब तक जरूरी न हो युद्ध नहीं होना चाहिए। उसमें सेना के लोग और निर्दोष नागरिक मारे जाते हैं। बस इन लोगों को पहचानो और इन्हें देशद्रोही, पाकिस्तान परस्त, स्लीपर सैल वगैरह बोलना शुरू कर दो। तुम्हारा स्तर यदि ऊंचा हो जाए तो तुम इन लोगों को लिबरल्स कह सकते हो। वामपंथी कह सकते हो। ये भी एक गाली है। इसका मतलब तुम्हें समझ नहीं आएगा। मगर तुम बोल सकते हो। इससे तुम अनपढ़ भी न लगोगे।
             उसने पूछा कि क्या मैं अमेरिका चीन रूस और भारत के पड़ोसी देशों को गाली दे सकता हूं। ये लोग कोई भारत का साथ नहीं दे रहे हैं। मैंने समझाया कि देखो गाली देने में संकोच मत करो। किसी को भी गाली दो पर दो। यह युद्ध का समय है। जी भर के गाली दो। अमेरिका चीन को गाली देकर तुम उनका क्या बिगाड़ लोगे ? उनको हमारी सरकार गाली नहीं दे रही है। तुम तो अपने दोस्तों, मुहल्ले पड़ोस के लोगों में दुश्मनों को ढूंढो और उन्हें गाली दो। सोशल मीडिया नाम का ये बिजूका बनाया ही इसलिए है कि सब कोई गाली बकें। अभी तुमने देखा तुम्हारे वरिष्ठ और अनुभवी लोगों ने शहीदों की विधवाओं को गालियां दीं। भारत के विदेश सचिव को ही नहीं उसकी लड़की, पत्नी को भी गालियां दीं। ये प्रतिभा बहुत अनुभव और साधना से विकसित होती है। गाली बक बक कर हम दुश्मन को खत्म कर सकते हैं।
          कभी बुद्धि जाग जाए, कभी मन में सवाल उठने लगें, कभी मन में सत्य, अहिंसा, सर्व धर्म सद्भाव के भाव मन में आने लगें तो क्रूरता से उन्हें कुचल देना। कभी लगे कि हम सब एक हैं, हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई, तो तुरंत सावधान हो जाना। ये बहुत हानिकारक विचार हैं। जो तुम्हें सिखाया गया है घृणा, घृणा और घृणा वही  हमेशा दोहराते रहो। घृणा की चरम अवस्था को प्राप्त करना तुम्हारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। प्रेम से घृणा करो। घृणा से प्रेम करो।
           इस युद्ध का नशा अभी कुछ दिन रहेगा। फिर ज्योंहि यह नशा उतरने लगेगा, फिर से कुछ किया जाएगा। हमें किसी को सोने नहीं देना है। हमेशा जागते रहो। हमेशा घृणा करते रहो। प्राचीनकाल में जाओ, मध्यकाल में जाओ, आधुनिक काल में जाओ मगर वर्तमान काल में न आओ। तभी 110 रूपये लीटर का पेट्रोल खरीद पाओगे। तभी अपने टैक्स से बने सरकारी एयरपोर्ट पर अडानी एयरपोर्ट्स नाम देखकर गर्व से फूल सकोगे।
डोरीलाल घृणा

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