जगन्‍नाथपुरी हादसा: भगदड़ की घटनाओं से नहीं ली सीख, देश में छह माह में तीसरी घटना

भुवनेश्‍वर। एक बार फिर देश में बड़े आयोजन में भगदड़ मची और शासन प्रशासन क्राउड मैनेजमेंट नहीं कर पाया। यह घटना ओडिशा के श्री जगन्‍नाथपुरी में रथयात्रा के दौरान भगदड़ की है। इस भगदड़ में 3 श्रद्धालुओं की मौत और 50 घायल हो गए। भीड़ को न संभाल पाने की यह देश में तीसरी घटना है। इन घटनाओं से शासन प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है जिससे आयोजन की भीड़ को संभालने के मैनेजमेंट को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

यह हैं घटनाएं

पहली घटना- कुंभ में मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्‍या को भीड़ बेकाबू हो गई और बेरीकेड्स तोड़कर भीड़ आगे बढ़ी जिससे 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए।

दूसरी घटना- बेंगलुरू में आइपीएल विजेता आरसीबी की विक्‍ट्री परेड के दौरान चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में भगदड़ मच गई जिसमें 11 लोगों की मौत और 56 घायल हो गए। कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में स्‍वीकार किया गया उनकी ढाई लाख लोगों की भीड़ को संभालने की तैयारी में कमी थी।

तीसरी घटना- 29 जून रविवार का दिन। सुबह करीब 4 बजकर 30 मिनट पर जगन्‍नाथ रथ यात्रा निकल रही थी तभी गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मच गई। इसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। हादसे के वक्‍त एम्‍बुलैंस दूर थी जिससे घायलों को हाथ में उठाकर एम्‍बुलैंस तक ले जाया गया जिसमें भीड़ के बीच से निकलने में परिजन को परेशानी हुई। उस दौरान पुलिस कर्मियों का भी कोई सहयोग नहीं मिला।

घटनाओं से नहीं लिया सबक

पहली घटना कुंभ की जनवरी में घटी, दूसरी घटना जून के पहले सप्‍ताह यानी 3-4 जून को घटी। तीसरी घटना 29 जून को घटी। पहली दो घटनाओं से सबक लेकर क्राउड मैनेजमेंट के सही तरीके को प्रशासन नहीं सीख पाया। भीड़ बढ़ने पर यदि बेकाबू होती है तो उसे किस तरह कंट्रोल किया जाए, इसकी भी कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी। अजब बात यह है कि वीआइपी का ध्‍यान रखा जा रहा था, लेकिन सामान्‍य जनता का नहीं।

यही गलती कुंभ के दौरान भी हुई थी जिससे घटना के बाद वीआइपी एंट्री बंद करके सामान्‍य जनता के लिए जगह खोली गई थी।पुरी में श्रद्धालुओं ने पुलिस प्रशासन को जिम्‍मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि मौके पर पुलिसकर्मी तैनात नहीं थे। जिन वरिष्‍ठों को व्‍यवस्‍था संभालने की जिम्‍मेदारी दी गई वे वहां नहीं थे।

डीएम, एसपी का ट्रांसफर, दो पुलिस अधिकारी सस्‍पेंड

राज्‍य सरकार ने अधिकारियों की लापरवाही को अक्षम्‍य कहा। सीएम मोहन चरण माझी ने जिला प्रशासन की जिम्‍मेदारी तय करते हुए पुरी के डीएम सिद्धार्थ शंकर स्‍वाई और एसपी विनीत अग्रवाल का ट्रांसफर कर दिया है। इसके अलावा दो पुलिस अधिकारी डीसीपी विष्‍णु पति, कमांडेट अलय पाढ़ी को सस्‍पेंड कर दिया है।

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