जबलपुर में कांग्रेसी और पुलिस के बीच झड़प, ज्ञापन लेने एसपी नहीं आए तो धरने पर बैठे कांग्रेसजन

जबलपुर। एसपी कार्यालय में बुधवार को पुलिस और कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। कांग्रेस प्रदेशाध्‍यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर कराए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने एसपी को ज्ञापन सौंपना चाहा। लेकिन एसपी उनसे नहीं मिले जिससे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने एसपी कार्यालय परिसर में ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। पुलिस ने उन्‍हें वहां से उठाने की कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो बलपूर्वक सभी को वहां से हटाया गया और गिरफ्तार करके सिविल लाइन थाना ले गए वहां उन्‍हें रिहा कर दिया गया।

शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी, जबलपुर के अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने बताया कि भाजपा सरकार का अलोकतांत्रिक और दमनकारी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया, जब जबलपुर में शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन देने पहुंचे कांग्रेसजनों के साथ पुलिस प्रशासन ने असंवैधानिक, अपमानजनक और तानाशाहीपूर्ण व्यवहार किया।

सौरभ शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज की गई झूठी एफआईआर के विरोध में आज शहर कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता एसपी कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन एसपी ने मिलने से साफ इनकार कर दिया, जबकि वे कार्यालय में ही मौजूद थे। यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की पुलिस अब कानून-व्यवस्था की रक्षक नहीं, बल्कि भाजपा की निजी सेना बन चुकी है, जो लोकतांत्रिक विरोध को दबाने का हथियार बन चुकी है।

जब कांग्रेस कार्यकर्ता “रघुपति राघव राजा राम” जैसे भजन गाकर शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे, तो पुलिस ने बलपूर्वक सभी को गिरफ़्तार कर सिविल लाइन थाने भेज दिया। उन पर झूठे प्रकरण दर्ज किए गए, जो लोकतंत्र के खिलाफ सीधा हमला है।

इसके विरोध में आक्रोशित कांग्रेसजनों ने सिविल लाइन थाने के सामने एसपी का पुतला दहन कर भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाज़ी की। प्रदर्शन के अंत में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आईजी को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष न्याय की मांग की।

कांग्रेस के ओबीसी विभाग ने निंदा की

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओबीसी विभाग) के प्रदेश उपाध्यक्ष टीकाराम कोष्टा का कहना है कि कांग्रेस के साथ एसपी का व्यवहार निंदनीय है। अलीम मंसूरी, डॉ मोईन अंसारी ने भी निंदा व्यक्त की।

इस अवसर पर यह उपस्थित थे

दिनेश यादव, विनय सक्सेना, आलोक मिश्रा, अभिषेक चौकसे चिंटू, अमरीश मिश्रा, कौशल्या गोटिया, नन्हे लाल धुर्वे, अंजू सिंह बघेल, सतीश तिवारी, कमलेश यादव, राजेश सोनकर, पार्षद अयोध्या तिवारी, संतोष दुबे पड़ा, अतुल बाजपेई, वकील अंसारी, याकूब अंसारी, झल्ले लाल जैन, अनुराग गढ़वाल, विवेक अवस्थी, इंदिरा पाठक तिवारी, अनुभा शर्मा, मुकेश राठौर, नरेंद्र पांढे, अमरचंद बाबरिया, राकेश सैनी, आरिफ बेग, प्रवेंद्र चौहान, रितेश गुप्ता बंटी मौजूद रहे।

इनके साथ देवकी पटेल, गुड्डू नवी, मदन लारिया, संजय अहिरवार, अभिषेक चंदेल, रविंद्र कुछवाहा, आशुतोष वत्स, कपिल श्रीवास्तव, राजेंद्र पिल्ले, सुशीम धर, रामदास यादव, रिज़वान कोटी, संजू ठाकुर, रज्जू सराफ, रितेश तिवारी, भावना निगम, खुर्शीद अंसारी, बलविंदर मान, अखिलेश शर्मा, सुरेंद्र तिवारी, भगत राम, अजय रावत, बहार अंसारी, रितेश नोतानी, आशुतोष ठाकुर, सुबोध पहाड़िया, सुरेंद्र यादव, पूजा सिंह, पंकज निगम, अवधेश गुप्ता, सिद्धांत जैन, पीयूष सोन, विक्रम सिंह, असलम खान, एजाज़ अंसारी, रंबल विश्वकर्मा, विष्णु विनोदिया, शरमन रजक, इंदु सोनकर, शिवम् सैनी, महेश मिश्रा, उमेश पटेल, भरत पटेल, राजकुमार सोनी, श्याम सोलंकी यह भी मौजूद रहे।

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