
दमोह। दमोह जिले के नोहटा थाना अंतर्गत कनिया घाट पटी गांव से होकर बहने वाली व्यारमा नदी में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां 45 वर्षीय मालतीबाई पति मेघराज सिंह अपनी साथी महिलाओं के साथ नदी में नहाने गई थी, तभी मगरमच्छ ने अचानक उस पर हमला कर दिया और उसके पैर को पकड़कर गहरे पानी में खींच ले गया।
ग्रामीणों ने किया पीछा, एक घंटे बाद मिला शव
घटना के तुरंत बाद गांव वालों ने शोर मचाते हुए मगरमच्छ का पीछा किया और पुलिस व वन विभाग को भी सूचना दी। वन विभाग और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। करीब एक घंटे की खोज के बाद महिला का शव नदी के दूसरे घाट पर झाड़ियों में फंसा मिला। घटना के दौरान ग्रामीणों ने मगरमच्छ का वीडियो भी बनाया।
गांव में पसरा मातम और दहशत
मालतीबाई की मौत की खबर सुनकर गांव में शोक और दहशत का माहौल बन गया। लोग बड़ी संख्या में नदी किनारे जमा हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग ने पहले भी मगरमच्छ के खतरे को लेकर चेतावनी बोर्ड लगाए थे और मुनादी कराई थी कि रात के समय या अकेले नदी में न जाएं। बावजूद इसके हादसों की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले दो साल से दमोह जिले में मगरमच्छ हमलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कई बार मगरमच्छ नदी से निकलकर गांव तक भी पहुंच जाते हैं।
बीते साल आठ साल का बालक भी बना था शिकार
पिछले साल इसी क्षेत्र के हटरी गांव में एक आठ वर्षीय बच्चा अपने पिता के साथ नहा रहा था, तभी मगरमच्छ ने उसे पानी में खींच लिया था। उसका शव अगले दिन मिला था।
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन, प्रशासन की समझाइश
महिला की मौत से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने अभाना गांव में शव को मुख्य सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान दमोह-जबलपुर हाईवे पर जाम लग गया। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार आशुतोष गुप्ता, थाना प्रभारी अभिषेक पटेल, उपवन मंडल अधिकारी एमडी मानिकपुरी और रेंजर विक्रम चौधरी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी।
अधिकारियों ने उचित मुआवजे का आश्वासन दिया और मगरमच्छ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू का भरोसा दिलाया। इसके बाद परिजन शांत हुए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
रिपोर्ट: कैलाश दुबे