
हटा/दमोह। जिले के हटा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बलेह के सरपंच जुगल पटेल ने एक बार फिर अपनी मानवता और जनसेवा की भावना का परिचय दिया है। ग्राम अदनवारा में एक युवती रेशमा अहिरवार की शादी के एक दिन पहले उसके बड़े पिताजी नन्नू अहिरवार की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। इस दुखद घटना के बाद सरपंच जुगल पटेल लम्बरदार ने शादी संपन्न कराने का फैसला किया और दमोह-पन्ना सीमा के मध्य व्यारमा नदी में विराजमान जलखंडेश्वर धाम में विवाह संपन्न कराया। उनके पिता श्यामसुंदर पटैल लम्बरदार ने कन्यादान कर इस अवसर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शादी की तैयारियों के बीच अचानक मौत
ग्राम अदनवारा में शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। मेहमानों को आमंत्रण दिया जा चुका था और शादी की रस्में प्रारंभ हो चुकी थीं। लेकिन अचानक नन्नू अहिरवार की मौत की खबर ने सब कुछ बदल दिया।
हिंदू रीति-रिवाज और सूतक
हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, जिस घर में मृत्यु होती है। वहां 13 दिन तक सूतक माना जाता है और इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं होते। लेकिन सरपंच जुगल पटेल ने परिवार की दिक्कतों को समझते हुए शादी संपन्न कराने का फैसला किया।

सरपंच की पहल
सरपंच जुगल पटेल ने शादी की तैयारियों की देखरेख की और उनके पिता ने कन्यादान लेकर मानवता की मिसाल पेश की। सरपंच की इस पहल ने दिखाया कि मानवता और सहयोग की भावना कितनी महत्वपूर्ण है।
मानवता की जीत
सरपंच जुगल पटेल और उनके पिता की इस पहल ने पूरे क्षेत्र में मानवता और सहयोग की भावना को प्रदर्शित किया है। उनकी इस पहल से न केवल परिवार को राहत मिली, बल्कि पूरे गांव में एक सकारात्मक संदेश भी गया है।
सरपंच और उनके परिवार की सराहना
अदनवारा के एक परिवार पर शादी के एक दिन पहले आए संकट से परिवार को उबारने में सरपंंच की भूमिका की सभी सराहना कर रहे हैं। लोगों के अनुसार संकट के समय में सभी जनप्रतिनिधियों को इसी तरह से आगे आना चाहिए।
रिपोर्ट: जिमी नगरिया