
मुंबई। गली गली थिएटर एवं ओम पुरी फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत हास्य-परिवारिक नाटक “बेशऊर” का मंचन मुंबई के वर्सोवा स्थित चौबाबा-BY वेड फैक्ट्री थिएटर में सफलता पूर्वक किया गया। दो शोज़ में हुए इस शानदार प्रस्तुति को दर्शकों ने भावनात्मक और हास्य के संतुलन के लिए खूब सराहा।
नाटक की कहानी उत्तर प्रदेश के एक काल्पनिक गांव के भोले-भाले युवक कालिदास के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे उसकी पत्नी चंद्रमुखी केवल इसलिए घर से निकाल देती है क्योंकि वह उसे ‘बिना शऊर वाला’ लगता है। इस अपमान के बाद कालिदास ‘शऊर’ की खोज में निकल पड़ता है। रास्ते में वह एक विवाहित महिला अंजलि से मिलता है, जो उसे अपने भाई की तरह अपने घर में रखती है, और अंत में यह रहस्य खुलता है कि अंजलि और कालिदास का रिश्ता कुछ और ही है।
इस हास्य-ड्रामा के ज़रिए भारतीय पारिवारिक मूल्यों, रिश्तों की उलझनों और ग्रामीण संस्कृति की झलक को खूबसूरती से मंच पर उतारा गया। कहानी में लोक संगीत और उत्तर भारतीय भाव-भंगिमाओं का सुंदर मेल देखने को मिला।
निर्देशक राहुल तिवारी और लेखक बच्चन पचेहरा ने सहज व संवादप्रधान शैली में इस जटिल कहानी को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया।
संगीत में तुतुल भट्टाचार्य और गायक कुमार वार्शिके की जोड़ी ने लोक-संगीत को जीवंत किया, वहीं संगीता त्रिवेदी (तबला) और सुहा सरकार (हारमोनियम) ने मंच पर भावनाओं को स्वर दिया।
कलाकारों में राहुल तिवारी, हिमांशी लाखमानी, बच्चन पचेहरा, प्रियांका उपाध्याय, पंकज कश्यप, चंद्रभान सिंह, दरशन सार्व प्रियदर्शी, गूंजन यादव, राज़ शंकलेश, डोएल सेनगुप्ता, निखिल टंडन, काजल जायसवाल, सविता तिवारी, अजय गिरी, शगुन तिवारी और अन्य ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कॉस्ट्यूम और मेकअप की ज़िम्मेदारी काजल जायसवाल, सविता तिवारी और दरशन प्रियदर्शी ने निभाई, वहीं कोरियोग्राफी श्रवण ठाकुर द्वारा की गई।
यह प्रस्तुति बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और यशपाल शर्मा एवं प्रतिभा शर्मा के सहयोग से आयोजित की गई थी।