
नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक गर्भवती महिला बारिश के उफनते नाले को सहारे के साथ पार करती नजर आ रही है। यह दृश्य जिले के मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कुम्हड़ी का है, जहां बारिश के कारण स्थानीय नाला उफान पर आ गया और एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी।
उफनते नाले के ऊपर से महिला ने पार किया रास्ता
ग्राम कुम्हड़ी में भारी बारिश से नाले के ऊपर से पानी बह रहा था। इसी बीच गांव की गर्भवती महिला आरती पति मोहन मलाह (उम्र लगभग 26 वर्ष) को प्रसव पीड़ा होने लगी। एम्बुलेंस नाले के दूसरी ओर खड़ी रही और पानी अधिक होने से गांव तक नहीं पहुंच सकी। नाले को पार कराने की जिम्मेदारी गांव के उपसरपंच ने निभाई। उन्होंने और परिजनों ने गर्भवती महिला को सहारा देकर पानी के बीच से पैदल ही नाला पार कराया।
एम्बुलेंस के स्टाफ पर लापरवाही के आरोप
वीडियो में साफ दिखता है कि दूसरी ओर खड़ी एम्बुलेंस में स्टाफ मौजूद था लेकिन किसी ने भी महिला को लेने के लिए नाले में उतरने की कोशिश नहीं की। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एम्बुलेंस में स्ट्रेचर मौजूद था, लेकिन स्टाफ ने उसे भी उतारने की जहमत नहीं उठाई। लोगों का कहना है कि यदि एम्बुलेंस स्टाफ चाहता तो स्ट्रेचर के सहारे महिला को सुरक्षित निकाल सकता था। इस लापरवाही भरे व्यवहार की हर तरफ निंदा हो रही है।
जान जोखिम में डालकर पार किया नाला
बारिश के कारण नाले में तेज बहाव था और इसे पार करना जोखिम भरा था। बावजूद इसके, उपसरपंच और ग्रामीणों ने महिला को सहारा देकर पार कराया। दूसरी तरफ खड़ी एम्बुलेंस में उसे बैठाया गया और फिर जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां महिला को भर्ती कर लिया गया है।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में यह नाला हर साल उफान पर आता है लेकिन आज तक कोई पक्का पुल या सुरक्षित वैकल्पिक रास्ता नहीं बना। वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संवेदनहीनता ने भी लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
ग्रामीणों ने की कड़ी आलोचना
वीडियो वायरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य व्यवस्था की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मुश्किल हालात में भी एम्बुलेंस स्टाफ को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से मांग की जा रही है कि ऐसे दुर्गम गांवों में जल्द से जल्द पुलिया बनाई जाए और एम्बुलेंस स्टाफ को संवेदनशीलता के साथ काम करने के निर्देश दिए जाएं।
108 एंबुलेंस सेवा नरसिंहपुर के जिला प्रबंधक विजय रघुवंशी ने बताया कि मामले का वीडियो मुझे भी नोडल के जरिए मिला है। पता कर रहे हैं कि कौन कर्मचारी कुम्हड़ी गए थे। यह वाकई असंवेदनशीलता है। यदि वाहन नहीं जा सकता था तो कम से कम कर्मचारियों को खड़े रहना था। मामले में संबंधितों पर कार्रवाई कराएंगे।