
राजीव उपाध्याय
देश में लोकसभा चुनाव बीजेपी ने मोदी के चेहरे पर ही लड़े। वह वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव हो या वर्ष 2019 वा 2024 का लोकसभा चुनाव। सभी चुनाव बीजेपी ने पीएम नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़े और वर्ष 2014 वा 2019 प्रचंड बहुमत प्राप्त किया वा 2024 में भी केंद्र में सरकार बनाई। इन चुनावों में देश में विकास को मोदी की गारंटी से जोड़ा गया।
खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी भाषणों में अपना नाम लेकर कहा कि “यह मोदी की गारंटी” कि विकास होगा। जिससे साफ जाहिर है कि मोदी का कद पार्टी से बड़ा हो गया है। तभी विकास के लिए भाजपा की रणनीति यह बनी थी कि चुनावों में पार्टी की नहीं बल्कि मोदी की गारंटी की बात की जाए। इसमें भाजपा को लगातार लोकसभा और कई विधानसभा चुनावों में सफलता मिली।
एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने 75 वर्ष में रिटायरमेंट का बयान दिया। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई कि क्या यह संदेश पीएम नरेंद्र मोदी के लिए भी है। विपक्ष तो इस संदेश को लेकर सवाल करने ही लगा है। इससे राजनीति में बवाल मच गया है।
ये कहा आरएसएस प्रमुख ने
रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक मोरोपंत पिंगले पर लिखी किताब के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने उनकी ही किताब से कहा कि “जब किसी को 75 साल का शॉल उड़ाया जाता है तो इसका मतलब यह है कि बाजू हटो हमें आने दो”। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी इसलिए तेज हो गई क्योंकि इस साल सितंबर में मोदी 75 वर्ष के हो रहे हैं वहीं भागवत भी 75 वर्ष के हो रहे हैं।
किया था बड़े नेताओं को रिटायर
भाजपा हो या कांग्रेस किसी भी राजनीतिक दल में रिटायरमेंट के लिए कोई पॉलिसी नहीं है। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से ही यह परंपरा भाजपा में चली कि 75 वर्ष के नेताओं को रिटायर कर दिया जाए। भाजपा ने कई बड़े नेताओं को 75 वर्ष की उम्र का बंधन देकर रिटायर कर दिया इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह प्रमुख रूप से थे।
सुमित्रा महाजन को भी टिकट नहीं दी गई थी। वर्ष 2019 व 2024 के लोकसभा चुनाव में कई नेताओं को टिकट महज इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वे 75 वर्ष के हो गए थे। वहीं वर्ष 2014 में भी कई वरिष्ठ नेताओं को भाजपा ने किनारे कर दिया था।
2029 और उसके बाद भी मोदी करेंगे नेतृत्व
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही बयान दे चुके हैं कि पीएम मोदी रिटायर नहीं होंगे, 2029 और उसके बाद भी मोदी ही नेतृत्व करेंगे। हालांकि खुद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने रिटायरमेंट प्लान के बारे में एक कार्यक्रम में चर्चा करते हुए कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे प्राकृतिक खेती करेंगे और वेद, उपनिषद का अध्ययन करेंगे।
विपक्ष को मौका मिला
आरएसएस प्रमुख के बयान के बाद विपक्ष को मौका मिल गया है। विपक्षी नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि आरएसएस प्रमुख इशारा कर रहे हैं कि पीएम मोदी सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे तो उन्हें अब दूसरों को मौका देना चाहिए। इस बारे में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में मोदी और आरएसएस प्रमुख दोनों पर कटाक्ष किया है। वहीं भाजपा ने साफ कर दिया है कि भाजपा ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है।
मोदी के नाम से वोट
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा चुनाव दोनों में लगातार यह देखा गया है कि भाजपा यानि की मोदी। सांसद का टिकट कई बार ऐसे उम्मीदवारों को भी दिया गया कि जिनको खुद के नाम पर जीतने की उम्मीद नहीं थी लेकिन उन्होंने केवल मोदी के नाम पर चुनाव जीता और सांसद बने।
ऐसा ही विधानसभा चुनावों का हाल रहा है। चुनाव के दौरान मोदी ने खुद ही अपने नाम से गारंटी ले ली कि यह मोदी की गारंटी है कि आपके शहर का विकास होगा। यह बड़ी बात है, जिसमें आत्मविश्वास झलकता है कि मोदी के नाम की गारंटी से वोट मिल जाएंगे। इस स्थिति से साफ जाहिर है कि भाजपा यह नहीं चाहेगी कि उसका वोट बैंक किसी भी स्थिति में प्रभावित हो। रिटायरमेंट प्लान अन्य वरिष्ठ नेताओं पर तो बीजेपी लागू कर सकती है लेकिन पीएम मोदी पर नहीं, रिटायरमेंट का निर्णय यदि कभी लेंगे तो खुद मोदी लेंगे।