संस्‍कारधानी में कांवड़ यात्रा: शिवभक्त, कांवड़ियों को यात्रा के दौरान नहीं होगी कोई असुविधा- महापौर

देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा है संस्कार कांवड़ यात्रा - नीलेश रावल

जबलपुर। संस्कारधानी के गौरव एवं ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा और शाही सवारी को सुगमतापूर्वक सफल बनाने तथा अधिक से अधिक लोगों को पुण्य लाभ दिलाने की दिशा में महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की कड़ी में रविवार को महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ द्वारा कांवड़ यात्रा/शाही सवारी यात्रा मार्ग का सघन भ्रमण किया गया।

व्यवस्थाएं देखी

महापौर ने कांवड़ यात्रा समिति के सदस्यों शिव यादव, नीलेश रावल, क्षेत्रीय पार्षद शारदा बाई कुशवाहा एवं नगर निगम के अधिकारियों क्रमशः अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव, उद्यान अधिकारी आलोक शुक्ला, संभागीय अधिकारी पवन श्रीवास्तव, अतिक्रमण विभाग के दल प्रभारी लक्ष्मण कोरी, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक वैभव तिवारी आदि के साथ व्यवस्थाएं देखी।

इसके अलावा कांवड़ यात्रा के दौरान पूज्य संतगणों और देवतुल्य कांवड़ियों को कोई भी परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

नर्मदा तट गौरीघाट में व्‍यवस्‍थाओं का निरीक्षण करते महापौर जगत बहादुर सिंह अन्‍नू व अन्‍य।

एक लाख से अधिक भक्त होंगे शामिल

महापौर ने बताया कि मां नर्मदा के तट गौरीघाट से 35 कि.मी. की दूरी तय करते हुए कांवड़िये कैलाशपति का अभिषेक करने कैलाशधाम पहुंचेंगे। यात्रा मार्ग में इनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण और प्राकृति से प्रेम करने संबंधी संदेशों का प्रसार भी जय भोलेनाथ की तथा बोल बम के जयघोष के साथ किया जायेगा। यह यात्रा सुबह 07ः00 बजे से निकलेगी।

कांवड़ यात्रा की तैयारियों के संबंध में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के द्वारा गौरीघाट से कैलाशधाम तक 35 कि.मी. का सघन निरीक्षण किया गया। उन्होंने कांवड़ यात्रा के संबंध में बताया कि इस पावन यात्रा में भगवान भोलेनाथ का आर्शीवाद लेने लगभग 1 लाख से अधिक श्रद्धालुगण शामिल होगें। इसके लिए महापौर ने यात्रा के दौरान मार्ग के आस-पास यातायात व्यवस्थित करने बेरीकेटिंग व्यवस्था उचित साफ-सफाई व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्थाओं को शीघ्र पूरा करने अधिकारियों को निर्देश दिये।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

समिति के पदाधिकारी शिव यादव ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है। संस्कारधानी की सबसे बड़ी संस्कार कांवड़ यात्रा जो संस्कारधानी से निकलती है और यात्रा के दौरान पर्यावरण संरक्षण और प्राकृति से प्रेम के संदेशों का प्रचार प्रसार करती है, उसके उपरांत कैलाशधाम पहुॅंचकर भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाकर जलाभिषेक करते हैं।

देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा

समिति के पदाधिकारी नलेश रावल ने बताया कि संस्कार कांवड़ यात्रा देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा है, जिसमें लाखों श्रद्धालूगण भाग लेकर यात्रा करते हैं और कैलाशपति पर जल अर्पित कर उनका अभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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