
भोपाल। पिछले छह माह से टल रहे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम की घोषणा 2 जुलाई को हो सकती है। भाजपा ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। भाजपा की कोशिश है कि चुनाव की नौबत न आए सर्वसम्मति से नाम तय हो जाए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके और पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं। चुनाव प्रक्रिया तीन दिन चलेगी।
वर्ष 2028 के विधानसभा चुनाव का रखा जाएगा ध्यान
मध्यप्रदेश में वर्ष 2028 में विधानसभा चुनाव होना है। इसको ध्यान में रखते हुए संगठन को संतुलित किया जाएगा। अभी सामान्य वर्ग से प्रदेशाध्यक्ष हैं। ओबीसी वर्ग से सीएम हैं। इसलिए संगठन में यह ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य वर्ग को भी प्रतिनिधित्व मिल सके। मध्यप्रदेश में आदिवासी वोट बैंक पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजर है। इसलिए भाजपा इस बार प्रदेशाध्यक्ष आदिवासी वर्ग से हो सकता है।
बैतूल सांसद हैं उइके
दुर्गादास उइके बैतूल से सांसद हैं और आदिवासी वर्ग से आते हैं। इसलिए उनके प्रदेशाध्यक्ष बनने की संभावना भाजपा में अंदरूनी तौर पर व्यक्त की जा रही है।
तीन चलेगी प्रक्रिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया तीन दिन चलेगी। चुनाव अधिकारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान होंगे। पहले दिन नामांकन दूसरे दिन नाम वापसी और स्कूटनी होगी। 2 जुलाई को नाम की घोषणा होगी। यह प्लान तय किया गया है।
अब तक 13 प्रदेशाध्यक्ष, इन नामों की भी चर्चा
मध्यप्रदेश भाजपा में 13 प्रदेश अध्यक्ष हो चुके हैं।वर्ष 1980 में सुंदरलाल पटवा पहले प्रदेशाध्यक्ष थे। वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को दो बार एक्सटेंशन मिला है। उनके कार्यकाल में मप्र में भाजपा को चुनावों में अच्छी सफलता मिली है। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा ने सभी 29 सीटें जीतीं।
वहीं पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी दावेदार हैं। हालांकि भाजपा जाति समीकरण भी साध रही है इसलिए सामान्य वर्ग से प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की उम्मीद कम है। वहीं बैतूल से सांसद दुर्गादास उइके के अलावा बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम भी दावेदारी में आया है। वहीं अनुसूचित जाति से लाल सिंह आर्य का नाम भी चल रहा है। वे संगठन में सक्रिय हैं। हालांकि वे दो बार चुनाव हार चुके हैं।