Video: जबलपुर में होगा 251 कुंडीय महायज्ञ, हरिद्वार में निकाली कलश यात्रा, सात को आएंगे शहर

शक्ति कलश लेने जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, कटनी से करीब 300 गायत्री परिजन गए थे

जबलपुर। जबलपुर के गौरीघाट में 251 कुंडीय महायज्ञ 19 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर को इसकी पूर्णाहूति होगी। यह आयोजन गायत्री परिवार ट्रस्ट जबलपुर द्वारा गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। पूरे भारत में 4000 से अधिक गायत्री शक्तिपीठ हैं, जिनका मुख्यालय हरिद्वार स्थित शांतिकुंज में है।

हरिद्वार से शक्ति कलश लेने पहुंचे 300 परिजन

इस महायज्ञ के लिए शक्ति कलश लेने जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, कटनी से करीब 300 गायत्री परिजन 3 जुलाई को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार पहुंचे। वहां परिजनों को दो दिन तक शांतिकुंज के मनीषियों द्वारा व्यवस्थापरक बातें बताई गईं। इसके बाद उन्हें शक्ति कलश दिया गया।

शक्ति कलश यात्रा और जबलपुर आगमन

5 जुलाई को शांतिकुंज हरिद्वार में शक्ति कलश यात्रा निकाली गई। यह शक्ति कलश की ऊर्जा लेकर सभी परिजन 7 जुलाई को जबलपुर लौटेंगे।

8 जुलाई को निकलेगी कलश शोभायात्रा

जबलपुर में 8 जुलाई को श्रीनाथ की तलैया शक्ति पीठ से कलश शोभायात्रा मनमोहन नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ तक निकाली जाएगी।

महायज्ञ की तैयारी 5 माह तक चलेगी

251 कुंडीय महायज्ञ की तैयारी लगभग 5 माह तक चलेगी। इसके बाद 19 से 22 दिसंबर के बीच यह विशाल आयोजन किया जाएगा।

30 वर्ष पहले हुआ था अश्वमेघ यज्ञ

जबलपुर में 1995 में 1008 कुंडीय अश्वमेघ यज्ञ हुआ था। उसके बाद अब यह 251 कुंडीय महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है।

शांतिकुंज आश्रम का परिचय

उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित अखिल विश्व गायत्री परिवार का आध्यात्मिक मुख्यालय शांतिकुंज आश्रम 1971 में पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य आध्यात्मिक जागृति और नैतिक उत्थान करना है। यह गायत्री मंत्र के माध्यम से आंतरिक दिव्यता को जगाता है और साधना से मन तथा आत्मा को शुद्ध करता है। आश्रम में सामूहिक यज्ञ वैदिक परंपरा के अनुसार होते हैं जिससे पर्यावरण और सामूहिक चेतना को शुद्ध किया जाता है। गायत्री परिवार एक वैश्विक आंदोलन है जिसके लाखों अनुयायी और विश्वभर में केंद्र हैं।

गायत्री शक्तिपीठ जबलपुर

जबलपुर के मनमोहन नगर में स्थित गायत्री शक्तिपीठ को पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने मान्यता दी थी। तभी से यहां गायत्री साधना और यज्ञ आयोजित किए जाते हैं। यहां गर्भसंस्कार भी कराए जाते हैं और जनजागृति के कई कार्यक्रम होते रहते हैं।

गौरीघाट में होगी भव्य तैयारी

251 कुंडीय महायज्ञ की तैयारी गौरीघाट में की जाएगी। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और यह आयोजन देशभर के लिए एक बड़ा धार्मिक पर्व होगा।

दिसंबर में जबलपुर में बहेगी भक्तिधारा

दिसंबर माह में मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में भक्तिधारा बहेगी। इसका कारण है कि 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक 251 कुंडीय महायज्ञ गौरीघाट में होगा। वहीं 26, 27 और 28 दिसंबर को जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाएगी। इस प्रकार 19 दिसंबर से लेकर 28 दिसंबर तक जबलपुर भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगा रहेगा।

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