ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने क्या हासिल किया- “दुनिया ने देखी भारतीय सेना की ताकत”

राजीव उपाध्याय
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि “पार्थ जब आपसी बातचीत से समस्या का हल न निकले तो युद्ध एकमात्र विकल्प होता है। इसके अलावा जब अन्याय बढ़ता जाए , छल कपट बढ़ता जाए तो ऐसी परिस्थिति में युद्ध जरूरी है। अन्याय होने पर यदि आप मौन रहते हैं तो अन्याय करने वालों का साहस बढ़ता जाएगा। गलत करने वालों के दिल में दंड का भय रहना चाहिए। सभी युद्ध में न्याय युद्ध सबसे ऊपर है। यह युद्ध का उद्देश्य है। “गीता में श्री कृष्ण के उपदेशों के आदर्श पर ही हम भारतवासी चल रहे हैं। भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” में यह साबित भी किया।
क्या लक्ष्य की प्राप्ति हुई- पाकिस्तान ने आतंक की फसल बोई जिसे हमारे देश में सप्लाई करके धर्म पूंछकर निर्दोषों को मारा, उन लोगों में कोई किसी का पति था,कोई बेटा, कोई पिता। यह दुर्दांत कृत्य आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में किया। जिसकी जड़े पाकिस्तान में हैं। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में उपजे आतंकवाद को नेस्तनाबूत किया। लेकिन अचानक संघर्ष विराम से क्या भारत अपने लक्ष्य को हासिल कर पाया? इस सवाल के जवाब के लिए बहुत से पहलू पर विचार करना होगा।

दुनिया ने देखी भारत की सैन्य शक्ति- यह देखा जाना चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर से पूरी दुनिया ने हमारी सैन्य शक्ति को देखा, पाकिस्तान को कराहते हुए देखा। आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हमारी सेना ने किस तरह पाकिस्तान की सीमा पार किए बिना और सिविलियन को नुकसान पहुंचाए बिना,इनके एयरबेस को खत्म किया, इनके आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना लगाकर खत्म किया, यह देखा। दुनिया देख रही थी कि हमारी सैन्य ताकत कितनी शक्तिशाली है। रूस से खरीदी गई S-400 जिसे सुदर्शन चक्र भी कहते हैं, इसने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया, ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। यह सब देखकर पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। वह संघर्ष विराम के लिए तड़प उठा। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन करके संघर्ष विराम के लिए अनुरोध किया।भारत ने संघर्ष विराम की रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया।
आतंकी मारे गए- ऑपरेशन सिंदूर में जहां एक ओर आतंकवादियों के लॉन्च पैड तबाह हुए वहीं कई आतंकियों के साथ पांच प्रमुख आतंकी भी मारे गए। लश्करे तैयबा का अबू जुंदाल (अबू जुंदाल लश्करे तैयबा के हेडक्वार्टर मकरज तैयबा का काम देखता था। यहां आतंकवादियों की ट्रेनिंग होती थी।)
जैश का हाफिज मुहम्मद (जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर मकरज सुभान अल्ला का काम देखता था), लश्करे तैयबा का खालिद उर्फ अबू अक्शा(कश्मीर आतंकी हमलों में शामिल था), जैश से जुड़ा हसन खान (मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। असगर पीओके में जैश का कमांडर है) वा मसूद का साला यूसुफ अजहर (आईसी-814 को हाईजैक करने के मामले में वांटेड था) मारा गया।
बड़ा संदेश गया- ऑपरेशन सिंदूर से बड़ा संदेश पाकिस्तान को गया है कि यदि उसने आतंकी घटनाओं को फिर से अंजाम देने की कोशिश की तो इसे एक्ट ऑफ वार यानि युद्ध माना जाएगा। संघर्ष विराम के बाद भी सिंधु जल समझौता सस्पेंड रहेगा। विश्व ने भारत की दृढ़ शक्ति को इन चार दिनों में देखा। तभी पाकिस्तान इतना घबरा गया कि वह किसी भी तरह इस संघर्ष से बाहर निकलने को तड़पने लगा। भारत में प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी वा विंग कमांडर व्योमिका सिंह की उपस्थिति और प्रेस ब्रीफिंग करना, एक बहुत बड़ा संदेश है जोकि भारत ने पाकिस्तान के साथ पूरे विश्व को दिया। यह दिखाया कि हमारे देश में नारी कितनी शक्तिशाली है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका, इजरायल,फ्रांस,ब्रिटेन सहित यूरोपीयन देश भारत के साथ खड़े थे।वहीं पाकिस्तान को ओआईसी का साथ नहीं मिला। ऑपरेशन सिंदूर से भारत की शक्ति को विश्व ने देखा पाकिस्तान के अंदर खौफ जगा।यह बड़ी बात है। इससे भविष्य में कोई भी गलत कदम उठाने के पहले पाकिस्तान को यह सब मंजर याद आएगा।

Related Articles

Back to top button