
जबलपुर। कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया छात्रों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष लागू की गई नई ऑनलाइन प्रवेश प्रणाली छात्रों की मुसीबत का कारण बन रही है। प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह से ऐप और ई-प्रवेश पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है, लेकिन तकनीकी दिक्कतें जैसे धीमा सर्वर और कियोस्क सेंटरों पर सपोर्ट की कमी ने इस प्रक्रिया को बाधित कर दिया है।
शहर में जहां छात्र बार-बार प्रयास करने के बावजूद दस्तावेज अपलोड नहीं कर पा रहे हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और भी खराब है। धीमे सर्वर की वजह से समग्र आईडी, आधार कार्ड, फोटो, 10वीं-12वीं की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और बैंक डिटेल्स जैसे आवश्यक दस्तावेज अपलोड नहीं हो पा रहे हैं। स्कॉलरशिप के लिए जरूरी दस्तावेजों की अपलोडिंग भी रुकी हुई है।
एक और बड़ी परेशानी यह है कि ई-प्रवेश पोर्टल पर कई प्राइवेट कॉलेज अभी तक लिस्टेड नहीं हैं। इससे छात्रों को यह समझने में दिक्कत हो रही है कि वे किस कॉलेज में आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर कॉलेजों की जानकारी उपलब्ध न होने से रजिस्ट्रेशन अधूरे रह जा रहे हैं। कियोस्क सेंटरों पर भी छात्रों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण वहां से भी मदद नहीं मिल पा रही है।
छात्रों और अभिभावकों ने मांग की है कि तकनीकी समस्याओं को शीघ्र दूर किया जाए ताकि प्रवेश प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी हो सके।