
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे की गैर-जिम्मेदाराना गतिविधियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए सार्वजनिक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की उपेक्षा सामाजिक न्याय और सामूहिक संघर्ष को कमजोर करती है। इस आधार पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पुत्र की गतिविधियाँ लोक आचरण और पारिवारिक संस्कारों के अनुरूप नहीं हैं।
लालू यादव ने कहा कि ऐसे परिस्थितियों में पार्टी और परिवार से ऊपर संविधान और सिद्धांत होते हैं। इसलिए उस व्यक्ति को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है और किसी भी भूमिका से दूर रखा जाएगा। यह बयान पार्टी की नीति और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसी बयान में उन्होंने परिवार से बाहर किए जाने का भी उल्लेख किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अपने निजी जीवन का मूल्यांकन स्वयं करना चाहिए और जो लोग उससे संबंध रखें, वे भी विवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। लालू यादव का यह बयान न केवल पारिवारिक अनुशासन को उजागर करता है, बल्कि राजद के अंदर अनुशासन और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता देने की दिशा में भी एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
उन्होंने अपना बयान एक्स पर जारी किया है। उन्होंने तेजप्रताप के नाम की जगह ज्येष्ठ पुत्र लिखा है। इस पोस्ट के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भी बयान आया है।