
जबलपुर। आज से प्रारम्भ हो रही आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि पर गुप्त शक्तिपीठ माता श्री बड़ी खेरमाई में भगवती का विशेष पूजन-अर्चन नौ दिनों तक किया जाएगा। मां श्री बड़ी खेरमाई मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने बताया कि देवी के साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।
इसलिए मनोकामना सिद्धि के लिए साधक अखण्ड दीप ज्योति प्रजवल्लित कर घट कलश की स्थापना कर जाप साधना करते हैं। इसलिए मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन द्वारा इन 9 दिनों के लिए विशेष पूजन-अर्चन आदि की व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए की गई है। नियमित पूजा-अर्चना के साथ मंदिर परिसर में श्रद्धालु मातारानी का दर्शन कर दीप ज्योति और कलश का भी दर्शन लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है, यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है। मान्यता है कि नवरात्रि में माता दुर्गा की विधि अनुसार पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है, साथ ही लंबे समय से चल रही समस्याएं देवी की कृपा से समाप्त होती हैं।
इस दौरान चारों नवरात्रि को दुर्गा पूजन के लिए शुभ माना गया है। दरअसल, हिंदू धर्म में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा भी दो गुप्त नवरात्रि है।
ज्योतिषाचार्य पं. सौरभ दुबे के अनुसार गुप्त नवरात्रि पर्व आषाढ़ और माघ माह में मनाया जाता है। वर्तमान में आषाढ़ माह जारी है, इस माह में 26 जून 2025 से गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। इस अवधि में 10 महाविद्यायों की पूजा की जाती है। इस पर्व को तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वालों के लिए और भी खास माना गया है।
माघ गुप्त नवरात्रि 2025 तिथि
पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 25 जून 2025 को शाम 4 बजकर 18 मिनट से हो रही है, इस तिथि का समापन 26 जून को शाम 2 बजकर 1 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 26 जून 2025 के दिन से होगा।
गुप्त नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त
इस साल 26 जून से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, इस दिन आर्द्रा और पुनर्वसु नक्षत्र के साथ ध्रुव योग बन रहा है, जो पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ है। इस दिन कलश स्थापना के लिए आपको दो शुभ मुहूर्त प्राप्त होंगे, पहला मुहूर्त सुबह 7 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक है। दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर में 11 बजकर 13 मिनट से दोपहर 2 बजकर 1 मिनट तक है।