मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद करने का विरोध: आयुष यूनिवर्सिटी खोलने की मांग बढ़ी- डॉ पाण्डेय

भोपाल। प्रदेश की एकमात्र मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जो 2011 में जबलपुर में स्थापित की गई थी, उसे बंद करने की मंशा का तथा इसमें संचालित कोर्स को क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों को भविष्य में दिये जाने का आयुष मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया ने विरोध किया है।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने कहा कि अगर बंद ही करना था तो प्रारंभ ही क्यों किया गया, क्योंकि क्षेत्रीय विश्वविद्यालय तो पहले भी मैनेज कर ही रहे थे। डॉ पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सोच सकारात्मक है और निश्चित रूप से इसे प्रारंभ रखने पर विचार करेंगे। हालांकि अभी कैबिनेट निर्णय नहीं हुआ है। पूरे मामले में डॉ पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी हस्तक्षेप की मांग की है।

एसोसिएशन ने कहा कि अगर मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद ही होती है तो मेडिकल यूनिवर्सिटी से आयुष को अलग कर पृथक से आयुष विश्वविद्यालय उज्जैन (पूर्व से प्रस्तावित) या भोपाल में खोला जाए ताकि जामनगर गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व अन्य राज्यों की भांति आयुष के अंतर्गत आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्धा, योग व नैचरोपैथी का समग्र विकास हो सके।

जिस मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक ही छत के नीचे मेडिकल, डेंटल, आयुष, पैरामेडिकल आदि समस्त चिकित्सकीय डिग्रियों का अध्ययन-अध्यापन, मार्गदर्शन व रिसर्च के साथ ही प्रगति उन्नयन व संचालन था उसे बंद करना हित में नहीं है। जबकि इसकी अपेक्षा जरूरी व्यवस्थाएं, संसाधन व बजट की व्यवस्था की जावे।

डॉ पाण्डेय ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राज्य स्तर पर पुनः विचार कर मेडिकल यूनिवर्सिटी को खुला रखा जाए तो बेहतर निर्णय होगा जिससे क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों पर दबाव कम होगा।

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