गोपियों के उत्कृष्ट भावों का भोग भगवान् की माखन चोरी है: ब्रह्मचारी चैतन्यानंद जी

जबलपुर। श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह बगुलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर मढ़ाताल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस में पूज्य ब्रह्मचारी चैतन्यानंद जी ने भगवान की बाल लीलाओं के रहस्य को समझाया। उन्होंने बताया कि मां यशोदा को जो यश प्राप्त हुआ वह माता देवकी को भी प्राप्त नहीं हुआ। ग्वाल बालों के साथ भगवान की मनोहारी लीलाएं समरसता का साकार स्वरूप हमारे जीवन में प्रतिबिंबित करती हैं।भगवान का मिट्टी खाने की लीला के माध्यम से यशोदा मैया को विश्व दर्शन कराना था। ब्रज गोपियों के भावों का भोग लगाने के लिए ही भगवान् ने माखन चोरी लीला के माध्यम से उनके मनोरथ को पूर्ण किया, क्योंकि गोपियों के द्वारा माखन निकालने का एक ही लक्ष्य था कन्हैया का दर्शन।

गोचारण के माध्यम से भगवान ने ब्रह्मा का मान मर्दन किया। कालिया नाग लीला के माध्यम से विषाक्त यमुना मैया को प्रदूषण मुक्त बनाया। भगवान् ने अपनी लीलाओं में समस्त राक्षसों का संहार किया परन्तु कालिय नाग को नहीं मारा, क्योंकि कालिय नाग इंद्रियों का प्रतीक है और इंद्रियों का निग्रह होना चाहिए।

राष्ट्र में शास्त्र विरुद्ध परम्परा को बंद कराकर भगवान् ने शास्त्र सम्मत परम्परा के अनुसार गिरिराज गोवर्धन जी के पूजन को प्रारंभ कराया और इस लीला के माध्यम से इंद्र का मान मर्दन किया। जीव और ब्रह्म के बीच में जो माया रुपी आवरण है, भगवान् ने चीरहरण लीला के माध्यम से गोपियों के कात्यायनी व्रत की पूर्णता तथा वेणु नाद के माध्यम से गोपियों को रास की पात्रता प्रदान की।

व्यास पीठ का पूजन आचार्य राजेंद्र प्रसाद शास्त्री, विनोद गोटिया, अजय त्रिपाठी, संजय गुरु, बीके नीता पटेल, अमित प्रतीक्षा सिंह, माया मोतीलाल यादव, उर्मिला पांडे, विजय ऊषा कटारिया, शंकरलाल खत्री, शमन आश्वानी, अन्नपूर्णा नायकार, सपना यादव, मनोज सेन आदि ने किया।

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