आयुर्वेद पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिये 12 वीं में 50 पर्सेंट की बाध्यता समाप्त, लेकिन नीट रहेगा अनिवार्य

भोपाल। प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हेतु आवेदन करने के लिये 10+2 बारहवीं के न्यूनतम 50% पीसीबी मार्क्स की बाध्यता नेशनल कमीशन फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन ( भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग) नईदिल्ली ने समाप्त कर दी है।

एनसीआईएसएम के सचिव सच्चिदानंद प्रसाद ने जारी पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि आयुर्वेद स्नातक शिक्षण के न्यूनतम मानक विनियम 2022 – 5 (1) / ए के सभी श्रेणियों के लिये न्यूनतम अंक प्रतिशत पात्रता मानदण्ड वापस ले लिया गया है। यह जानकारी सर्वपल्ली राधाकृष्णन कॉलेज ऑफ आयुर्वेद हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल के प्राचार्य व आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने दी।

नीट रहेगा अनिवार्य

आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पाण्डेय का कहना है कि इसके पूर्व 10+2 बारहवीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान में सामान्य ओपन श्रेणी में न्यूनतम 50% तथा अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग की श्रेणियों के लिये 40% मार्क्स अनिवार्य थे तभी छात्र आयुर्वेद बीएएमएस में नीट के माध्यम से प्रवेश हेतु आवेदन कर सकता था। अब केवल 10+2 बारहवीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या बायोटेक्नोलॉजी विषय के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है।

एनसीआईएसएम ने बायोटेक्नोलॉजी एक नया विषय जोड़ा है। यह संशोधन इसी सत्र 2025 से लागू होगा। हलॉकि आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश हेतु नीट की अनिवार्यता बरकरार रहेगी। ज्ञात रहे कि देशभर में 22 लाख से ज्यादा छात्र नीट 2025 परीक्षा में शामिल हुये हुये , जो परिणाम मेरिट आधार पर राज्य व सेंट्रल काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेश लेंगे। प्रदेश समेत देशभर में 598 आयुर्वेद कॉलेजों में 40 हजार से ज्यादा बीएएमएस सीटें संचालित हैं।

छात्र लाभान्वित होंगे
एनसीआईएसएम व आयुष मंत्रालय के निर्णय से हजारों छात्र लाभान्वित होंगे। संभावना है कि नीट काउंसलिंग समय से प्रारंभ होगी।
— डॉ राकेश पाण्डेय
राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन

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