
झालावाड़। राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश और देश को झकझोर दिया। मनोहरथाना क्षेत्र के पीपलोड़ी गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत भारी बारिश के चलते अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त कक्षा में करीब 60 छात्र मौजूद थे। इस हादसे में 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक घायल हुए हैं। इनमें से 17 बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मलबे में दबे बच्चों को ग्रामीणों ने निकाला
घटना के तुरंत बाद गांव के लोगों और शिक्षकों ने राहत कार्य शुरू कर दिया। जेसीबी मशीन बुलाकर मलबा हटाया गया। ग्रामीणों ने निजी साधनों से घायलों को मनोहरथाना सीएचसी अस्पताल पहुंचाया। राहत एवं बचाव कार्य प्रशासन की निगरानी में जारी है।
प्रार्थना सभा से पहले गिरा छत का हिस्सा
स्थानीय लोगों के मुताबिक, हादसा उस वक्त हुआ जब बच्चे सुबह की प्रार्थना सभा के लिए एकत्रित हो रहे थे। तभी स्कूल भवन का एक हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया और बच्चे मलबे के नीचे दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अमित कुमार और जिला कलेक्टर मौके पर पहुंचे। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए आसपास से एंबुलेंस मंगाई गई।
स्कूल भवन की जर्जर हालत पर उठे सवाल
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का भवन काफी पुराना और खस्ताहाल था। बारिश के दौरान छत से पानी टपकने की शिकायतें पहले भी की गई थीं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह हादसा सरकारी स्कूलों की हालत पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
झालावाड़ हादसे पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। राज्य सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
यह हादसा सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की तत्काल जरूरत को रेखांकित करता है। समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी बच्चों की जान ले सकती हैं।