मप्र में कालाबाजारी और जमाखोरों से परेशान किसान, महंगी खाद खरीदने को मजबूर : कांग्रेस

जबलपुर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष (ओबीसी विभाग) और पूर्व प्रदेश प्रवक्ता टीकाराम कोष्टा ने कहा कि पूरे प्रदेश में खाद का गंभीर संकट है, जिससे किसान परेशान हैं। डीएपी, यूरिया और नैनो खाद सरकारी केंद्रों या गोदामों में उपलब्ध नहीं है, जबकि निजी दुकानों पर यह खाद ऊंचे दामों पर बिक रही है।

कालाबाजारी का आरोप

कांग्रेस का आरोप है कि खाद की कालाबाजारी हो रही है और सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। किसानों का कहना है कि जानबूझकर खाद का संकट उत्पन्न किया जा रहा है, ताकि मूंग के बाद अब डीएपी और यूरिया खाद में भी उन्हें लूटा जा सके।

नेताओं का संयुक्त बयान

टीकाराम कोष्टा, प्रदेश कोऑर्डिनेटर अलीम मंसूरी, राजेश पटेल, पी.पी. पटेल, राजू तोमर, अशोक यादव, विजय अग्रवाल, रविंद्र कुशवाहा, धर्मेंद्र कुशवाहा, संजू ठाकुर, अशोक चौधरी और लखन चौधरी सहित अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि खाद का संकट वास्तविक नहीं है। निजी विक्रेता खाद को मनमाने ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं, जबकि सरकारी गोदाम और सहकारी समितियों में यह उपलब्ध नहीं है।

धान उत्पादक किसान परेशान

यूरिया की किल्लत से धान उत्पादक किसान विशेष रूप से प्रभावित हैं। किसानों को डीएपी के स्थान पर कॉम्प्लेक्स खाद का उपयोग करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, लेकिन अब कॉम्प्लेक्स खाद की भी कमी होने लगी है।

किसानों का आक्रोश

लगभग एक दर्जन जिलों में किसान लंबी कतारों में खड़े हैं, हाईवे जाम कर रहे हैं, लेकिन सरकार गलती मानने के बजाय कांग्रेस पर दोषारोपण कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि खाद की कमी से उत्पादन प्रभावित हो रहा है और यह समस्या तब तक दूर नहीं होगी जब तक सरकार जमीनी स्तर पर जाकर स्थिति का आकलन नहीं करती।

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि किसानों की परेशानी दूर नहीं की गई, तो वह आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

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