
जबलपुर। जबलपुर के ललपुर रोड स्थित गौरीघाट पर श्री रजत गणेश चांदी वाले गणेश जी के जन्मोत्सव का तृतीय दिवस बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों ने 1000 नामों का उच्चारण करते हुए पंचमेवा से भगवान गणेश का विशेष अर्चन किया।
सुबह-सायं विशेष श्रृंगार
पूजन क्रम में प्रातःकाल भगवान गणेश का श्रृंगार श्वेत वस्त्रों से किया गया, जबकि सायंकाल गुलाबी वस्त्रों से अलौकिक श्रृंगार संपन्न हुआ। इसी क्रम में श्री रजत गणेश का दही से अभिषेक किया गया और मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा।
भव्य महारती का आयोजन
रात 8 बजे मंदिर में भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। इसमें भक्तों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर भगवान गणेश के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। दीपों की रोशनी और भजनों की ध्वनि से पूरा परिसर आध्यात्मिक आलोक में डूब गया।
आध्यात्मिक उद्बोधन
समारोह के दौरान स्वामी श्री प्रमोद महाराज जी, संस्थापक रजत गणेश मंदिर, ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्मप्राण भारतीय जन वेदिक और पौराणिक मंत्रों के द्वारा अनादि काल से भगवान गणपति की पूजा करते चले आ रहे हैं। गणपति चिन्मय, आनंदमय, ब्रह्ममय और सच्चिदानंद स्वरूप हैं। उन्हीं से जगत की उत्पत्ति होती है, उन्हीं के कारण इसकी स्थिति है और अंततः उन्हीं में इस विश्व का लय हो जाता है।
श्रृंगार और पूजन में शामिल श्रद्धालु
इस अवसर पर पूजन, अर्चन, महाआरती और श्रृंगार में आचार्य रामकिशोर द्विवेदी, प्रमोद पांडेय, मधु यादव, हेम आजुकर, श्रेया गुप्ता और महक सेठी उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से भगवान गणेश से मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु अर्जी लगाई।