
अनूपपुर। अनूपपुर जिले की जैतहारी जनपद के गांवों में चार हाथियों की आमद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। रात में यह हाथी घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं वन विभाग बेपरवाह है अभी तक रेस्क्यू की प्रक्रिया शुरू नहीं की।
दहशत में रातभर जाग रहे
जंगली हाथियों के कोहराम मचाने का खौफ इस कदर लोगों में है कि उनकी रात की नींद गायब हो गई है। अजब बात यह है कि जंगली हाथी इस तरफ बार बार आते हैं और वन विभाग को कोई परवाह नहीं है। चार हाथी पिछले एक सप्ताह से अनूपपुर जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर इलाके में विचरण करते हुए गोबरी, पगना से जैतहरी नगर होकर कुसुमहाई के जंगल में एक बार फिर पहुंच कर विश्राम कर रहे हैं। हाथियों के बार बार विचरण के कारण ग्रामीण परेशान हैं। वनविभाग का अमला हाथियों के विचरण पर नजर रखते बनाए हुए है। वन विभाग आम जनों को केवल सतर्क रहने की अपील कर रहा है।
शहडोल में हाथियों ने ली थी तीन का जान
शहडोल जिले के उत्तर वन मंडल क्षेत्र के ब्यौहारी के जंगल में बीते दिनों तेंदूपत्ता तोड़ रहे ग्रामीणों को दो जंगली हाथियों ने कुचल दिया था। अलग-अलग स्थानों पर दो महिलाओं व एक वृद्ध के क्षत-विक्षत शव मिले थे। वन विभाग व पुलिस के मुताबिक तीनों की मौत हाथियों के कुचलने से हुई थी। वन विभाग के अनुसार सनौसी गांव निवासी उमेश कोल (35) अपनी पत्नी के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने गया था। तभी बांधवगढ़ की ओर से दो जंगली हाथी पहुंचे और उमेश कोल को कुचल दिया।
उमेश की पत्नी ने हाथियों को देखकर दौड़ लगा दी और एक पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई थी। पत्नी के सामने ही जंगली हाथियों ने पति को कुचल कर मार डाला था। इसके बाद ये हाथी संजय गांधी टाइगर रिजर्व की ओर बढ़े और रास्ते में सनौसी जंगल से एक किलोमीटर दूर डोडा गांव निवासी महिला देवगनिया बैगा (38) पत्नी एतु बैगा को कुचल दिया था। वह भी जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ रही थी। इसके बाद यहां से 14 किलोमीटर दूर बराछ में बुजुर्ग मोहनलाल पटेल (80) को हाथी कुचलते हुए निकल गए। बुजुर्ग भी अपने गांव बराछ से लगे जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ रहा था।