बड़े महावीर स्वामी का चांदी वर्क से किया गया मनोहारी श्रृंगार

जबलपुर। श्रावण मास की मंगलमयी बेला में जब देशभर में शिव पूजन की धूम है, वहीं संस्कारधानी जबलपुर में भगवान हनुमान जी के विशेष श्रृंगार की परंपरा भी पूरी आस्था के साथ निभाई जा रही है। शहर के मध्य स्थित बड़े फुहारा क्षेत्र में विराजमान बड़े महावीर स्वामी के श्रीविग्रह का मंगलवार को चांदी वर्क से विशेष श्रृंगार किया गया, जिसने भक्तों को आकर्षित कर लिया।

मराठा काल से जुड़ा है मंदिर का इतिहास

यह ऐतिहासिक मंदिर मराठा शासनकाल की धरोहर माना जाता है। 18वीं शताब्दी में जब मराठा साम्राज्य की प्रशासनिक गतिविधियाँ जबलपुर में बढ़ीं, तब धार्मिक आस्था के प्रतीक के रूप में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। बड़े फुहारा क्षेत्र में स्थित यह हनुमान मंदिर आज भी मराठा शिल्प शैली की झलक प्रस्तुत करता है।

श्रावण मास में होती है विशेष पूजा-अर्चना

श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को बड़े महावीर मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है। इस अवसर पर पारंपरिक तरीके से पूजा, अर्चना और आरती की जाती है। विशेष रूप से आशीष पुजारी द्वारा चांदी वर्क से श्रीविग्रह का अत्यंत मनोहारी श्रृंगार किया गया, जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

भक्त मंडल ने किया भक्ति गायन

श्रृंगार के पश्चात भक्त मंडल ने हनुमान चालीसा, संकटमोचन हनुमानाष्टक का सामूहिक पाठ किया। इसके पश्चात षोडशोपचार पूजन, दीप आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धालु दर्शन के लिए सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे थे और दिनभर मंदिर परिसर में भक्ति की गूंज सुनाई दी।

समर्पण और सेवा का प्रतीक

बड़े महावीर मंदिर जबलपुर की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां पर भक्तों की सेवा और भक्ति का संगम देखने को मिलता है। मंदिर के सेवक निरंतर सेवा और परंपराओं का निर्वहन करते आ रहे हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी जबलपुर की पहचान है।

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