
जबलपुर। सांसारिक जीवन में धन, संपदा, यौवन और जीवन स्वयं भी नश्वर हैं, लेकिन धर्म और कर्तव्य ही ऐसे तत्व हैं जो स्थायी हैं। श्रावण मास के पावन अवसर पर श्रीराम मंदिर मदन महल में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के तृतीय दिवस पर व्यासपीठ से श्रीमद् जगतगुरु नरसिंह पीठाधीश्वर पूज्य डॉ. नरसिंह देवाचार्य जी महाराज ने धर्म, आचरण और भक्तिमार्ग के महत्व को विस्तार से बताया।

प्रह्लाद, ध्रुव और श्रीराम जैसे आदर्शों से प्रेरणा
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने मर्यादा और अनुशासन का पालन करते हुए लोककल्याण के लिए आदर्श प्रस्तुत किया। भक्त ध्रुव ने हरिनाम स्मरण और सत्कर्म से अपनी आस्था को अमर बना लिया, वहीं भक्त प्रह्लाद ने असुरों के बीच रहते हुए भी धर्म और सनातन संस्कृति का पालन किया, जिसके फलस्वरूप स्वयं भगवान नरसिंह रूप में प्रकट होकर उनके कष्टों को हरने आए।
हर युग में हुआ भगवान का अवतार
उन्होंने कहा कि भगवान हर युग में भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए अवतरित होते हैं। कलियुग में नाम जप, संकीर्तन और भागवत श्रवण के माध्यम से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा महापुराण केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नयन का माध्यम है।
महिला समिति कर रही आयोजन
इस धार्मिक आयोजन का संचालन श्रीराम मंदिर मदन महल महिला समिति द्वारा किया जा रहा है। गीता पांडेय, सुनीता अरोड़ा, सुदेश खुराना, संगीता शर्मा, रुक्मणि अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, अनीता अग्रवाल, संगीता सेठ, बीना मल्होत्रा, भावना मल्होत्रा, सविता भाटिया, शालू कपूर और अनिल चंडोक आदि इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से आयोजन
यह भागवत कथा महापुराण 31 जुलाई से 7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से श्रीराम मंदिर मदन महल परिसर में आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रद्धाभाव से भाग ले रहे हैं।