
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी बारे में मान्यता है कि जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत पूर्ण मनोयोग से करता है, उसे सर्वत्र विजय प्राप्त होती है। उसकी कभी पराजय नहीं होती और जो काम वह हाथ में लेता है वह अवश्य पूरा होता है।
विजया एकादशी इस बार 24 फरवरी 2024 सोमवार को आ रही है। एकादशी तिथि 23 फरवरी को दोपहर 1:55 बजे प्रारंभ होगी और 24 फरवरी को दोपहर 1:44 बजे तक रहेगी।
चूंकि उदयातिथि में एकादशी 24 फरवरी को पड़ रही है इसलिए इसी दिन विजया एकादशी का व्रत किया जाएगा।व्रत का पारण 25 फरवरी को प्रात: 6:21 से 8:40 बजे तक किया जाएगा।
श्रीराम ने किया था विजया एकादशी का व्रत (Ekadashi Kab Hai) शास्त्रों में प्रमाण मिलता है कि विजया एकादशी का व्रत स्वयं प्रभु श्रीराम ने भी किया था, तभी वे लंका पर विजय प्राप्ति के लिए आगे बढ़ सके। कथाओं के अनुसार जब श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ लंका की ओर प्रस्थान करने लगे, तब मार्ग में समुद्र आ गया। आगे जाने का मार्ग नहीं मिला तो समीप ही दालभ्य मुनि का आश्रम था।
श्री राम ने मुनि से उपाय पूछा तो उन्होंने विजया एकादशी का व्रत करने की आज्ञा दी। अगले ही दिन विजया एकादशी थी तो श्रीराम ने व्रत किया और व्रत के प्रभाव से रास्ता मिला और श्रीराम सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए।
विजया एकादशी के उपाय (Ekadashi Kab Hai) विजया एकादशी के दिन शमी के पौधे का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे विजय का आशीर्वाद मिलता है। विजया एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु का पूजन पीले पुष्पों से करके देसी घी का नैवेद्य लगाना चाहिए। इस दिन विष्णु जी के साथ देवी लक्ष्मी का पूजन अवश्य करना चाहिए इससे धन संपदा प्राप्त होती है। विजया एकादशी के दिन अपने मस्तक पर सफेद चंदन का तिलक लगाकर बाहर निकले पराजय नहीं होगी। विजया एकादशी के दिन एक सफेद कपड़े पर केसर की स्याही से ऊं विष्णवे नम: मंत्र लिखकर पूजन करें और इसे तिजोरी में रखें। इससे धन की आवक सदैव बनी रहेगी।