
नई दिल्ली। भारत में दीवाली समय के पहले ही आ गई है। अब आम जनता के घरों में 22 सितंबर से दीवाली का माहौल शुरू हो जाएगा। जनता 22 सितंबर से रोज दीवाली मना सकती है और अपने घर में खुशियों की सौगात ला सकती है। भारत की जनता, किसान, व्यापारियों के लिए खुशी का मुख्य कारण है मोदी सरकार का बड़ा फैसला।
मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जीएसटी की दरों में कमी की है। जीएसटी परिषद ने इसका आकलन करते हुए फैसला लिया है कि जीएसटी के दो स्लैब 12 और 28 प्रतिशत को खत्म कर दिया जाएगा। अब केवल 5 और 18 प्रतिशत का ही स्लैब रहेगा। इससे आम उपभोग की आने वाली काफी वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। इस खबर से आम जनता में हर्ष है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से जीएसटी की दरों में सुधार लाने की बात अपने भाषण में की थी।
ये होगा असर
जीएसटी की दरों में कमी होने से रोजमर्रा की चीजें तो सस्ती होंगी इसके अलावा दवाएं, हेल्थ इंश्योरेंस, कार, इलेक्ट्रानिक गैजेंट्स आदि भी सस्ते होंगे।
इस तरह लगेगा टैक्स
जीवर रक्षक 33 दवाओं पर जीएसटी 12% से 0% कर दिया है। इसके अलावा कैंसर व गंभीर बीमारियों की दवाओं पर 5% से 0% व मेडिकल उपकरणों, चश्मे पर 5% जीएसटी किया गया है। दूध, रोटी, छेना, पनीर, पराठा, ब्रेड पर 0% जीएसटी, एग्रीकल्चर उपकरणों पर 5% जीएसटी, सीमेंट पर 28% से 18% जीएसटी, एसी,टीवी, फ्रिज, पर 28% से घटाकर 18% जीएसटी, आटो पार्ट, पेट्रोल/डीजल हाइब्रिड, 1200 सीसी और 4000 एमएम तक एलपीजी, सीएनजी कारें, तीन पहिया वाहन, 350 सीसी तक बाइक पर 18% जीएसटी, ग्रेनाइट, हस्तशिल्प, चमड़े के सामान पर 5% जीएसटी, हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म किया गया है।
तेंदुपत्ता व कत्था पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया है। स्लैब की एक स्पेशल कैटेगरी 40 प्रतिशत की भी है। इसमें सिगरेट, तंबाखू, गुटखा, पान मसाला, 350 सीसी से अधिक की बाइक व अन्य लग्जरी आइटम्स पर 40% जीएसटी लगेगा।
अर्थव्यवस्था पर यह होगा असर
विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी की दरें कम होने से अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। आम जनता को सस्ती दरों पर उनके उपयोग की चीजें उपलब्ध होने से वे उस पर अधिक खर्च करेंगे। इससे घरेलू खपत में तेजी आएगी। सरकार ने इसके लिए सही समय चुना है। त्योहार में जनता और व्यापारियों दोनों के लिए यह अच्छा निर्णय है। जनता खर्च के साथ बचत भी कर पाएगी। अमेरिका के द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और 25 प्रतिशत जुर्माना यानी कुल टैरिफ 50 प्रतिशत करने पर भारत की अर्थव्यवस्था की गति धीमी होने का अंदेशा था लेकिन जीएसटी में बदलाव होने से अब इकोनॉमी बेहतर रहेगी।
कीमतों पर लगाम लगाना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में मांग बढ़ने से कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इस पर लगाम लगाने के लिए इन पर नजर रखना जरूरी है।
घाटे की भरपाई कैसे
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के स्लैब में बदलाव से या कमी करने से सरकार को 93 हजार करोड़ रूपए की आय का नुकसान होगा। स्पेशल स्लैब 40% से 45 हजार करोड़ रूपए की एक्स्ट्रा आय होने का अनुमान है। इससे आधे घाटे की भरपाई हो सकेगी।
ऐतिहासिक बदलाव
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यह ऐतिहासिक बदलाव है। स्वतंत्रता दिवस पर मैंने भाषण में जीएसटी में सुधार लाने की बात कही थी। जीएसटी परिषद ने केंद्र के प्रस्तावों पर सहमति दी है। इससे आम जनता, किसानों, एमएसएमई, महिलाओं, युवाओं को लाभ मिलेगा। छोटे व्यापारियों और कारोबारियों के लिए भी सुविधा होगी।