भाजपा के कार्यकर्ताओं के सम्मान में नहीं आएगी कमी, दाएं, बाएं करने वालों को होगी दिक्कत: खंडेलवाल

भोपाल। भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिक घोषणा होने के बाद हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के सम्मान में कोई कमी नहीं आएगी, उनके सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा लेकिन जो दाएं बाएं करते हैं उनको दिक्कत होगी।

कांग्रेस को चुनौती

बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा में जैसे प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव होता है वो वार्ड का भी चुनाव कराके बता दें।

बीजेपी का झंडा सौंपा

नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा के बाद प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को निवर्तमान प्रदेशाध्‍यक्ष वीडी शर्मा ने भाजपा का झंडा सौंपा और वे पदमुक्त हुए। कार्यक्रम में सीएम डॉ मोहन यादव ने नए प्रदेशाध्यक्ष को मिठाई खिलाई।

निर्विरोध निर्वाचित

हेमंत खंडेलवाल भाजपा के नए प्रदेशाध्‍यक्ष पद पर निर्विरोध चुने गए हैं। उनका एकमात्र नामांकन मंगलवार को हुआ था। तभी उनका प्रदेशाध्यक्ष बनना तय हो गया था लेकिन औपचारिक घोषणा तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार 2 जुलाई को हुई।

आरएसएस से जुड़े हैं

हेमंत खंडेलवाल आरएसएस से जुड़े हैं। हेमंत खंडेलवाल का जन्‍म मथुरा में हुआ था लेकिन उनकी शिक्षा मध्‍यप्रदेश के बैतूल से हुई। उन्‍होंने कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और कानून की पढ़ाई कर स्‍नातक की डिग्री ली। उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल सांसद रहे हैं, उनके निधन के बाद हेमंत खंडेलवाल 2008 के उपचुनाव में बैतूल से सांसद बने। वे वर्ष 2013 उसके बाद 2023 में बैतूल से विधायक चुने गए। वे कुशाभाउ ठाकरे ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष भी हैं।

अब तक 13 प्रदेशाध्‍यक्ष

मध्‍यप्रदेश भाजपा में 13 प्रदेश अध्‍यक्ष हो चुके हैं। वर्ष 1980 में सुंदरलाल पटवा पहले प्रदेशाध्‍यक्ष थे। प्रदेशाध्‍यक्ष वीडी शर्मा को दो बार एक्‍सटेंशन मिला है। वे 2020 में प्रदेशाध्‍यक्ष बने थे। उनका कार्यकाल तीन साल आगे बढ़़ाया गया। उनके कार्यकाल में मप्र में भाजपा को चुनावों में अच्‍छी सफलता मिली है। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में मध्‍यप्रदेश में भाजपा ने सभी 29 सीटें जीतीं।

बीजेपी में प्रदेशाध्‍यक्ष के लिए दो बार चुनाव हुए

बीजेपी प्रदेशाध्‍यक्ष के लिए 1990 में पहला चुनाव हुआ था। उस दौरान लखीराम अग्रवाल के खिलाफ पूर्व सीएम कैलाश जोशी ने चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2000 में विक्रम वर्मा और शिवराज सिंह चौहान के बीच मुकाबला हुआ था। विक्रम वर्मा की जीत हुई थी।
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