
रवीन्द्र सुहाने
जबलपुर। मानसून इस बार जिले में बेहद सक्रिय नजर आ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक 18 जून से 16 जुलाई तक यानी 29 दिनों की अवधि में केवल दो दिन ऐसे रहे जब बारिश दर्ज नहीं हुई। बाकी के 27 दिनों में बारिश होती रही। कहीं रिमझिम तो कहीं झमाझम बारिश का दौर चला। मौसम विभाग जबलपुर के देवेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि इस तरह लगातार लगभग पूरे महीने बारिश होना एक दशक में तो नहीं हुआ।
अब तक की बारिश और तापमान का हाल
मौसम विज्ञान के अनुसार इस वर्ष अब तक जिले में कुल 605.8 मिमी वर्षा दर्ज हो चुकी है। पिछले वर्ष इसी समय तक 269.8 मिमी वर्षा हुई थी। 16 जुलाई को अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 3 डिग्री कम) और न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिम रही और गति लगभग 3 से 4 किलोमीटर प्रति घंटा रही। अधिकतम आर्द्रता 92% और न्यूनतम 86% दर्ज हुई।
बीते 24 घंटों में जिले में औसतन 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। कुछ केंद्रों पर 30.4 मिमी तक वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस सीजन की कुल बारिश में स्थानीय अंतर भी देखने को मिल रहा है, जहां कहीं ज्यादा तो कहीं कम वर्षा हुई।
कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में अगले घंटों और रात के समय भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। कुछ जिलों में अत्यधिक भारी बारिश और कुछ में मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना जताई गई है।
भारी वर्षा और बिजली गिरने की संभावना वाले जिले
उमरिया/बांधवगढ़, शहडोल/बाणसागर डैम, दक्षिण सीधी।
मध्यम गरज-चमक और बिजली के साथ बारिश की संभावना वाले जिले
भोपाल/बैरागढ़ एपी, पश्चिम रायसेन/सांची/भीमबेटिका, शाजापुर, आगर, मंडला/कान्हा, डिंडोरी, राजगढ़, उज्जैन/महाकालेश्वर, उत्तर देवास, उत्तर सीहोर, खंडवा/ओंकारेश्वर, उत्तर सीधी, सिंगरौली, छतरपुर/खजुराहो, पन्ना/टाइगर रिजर्व, सतना/चित्रकूट/मैहर, रीवा, मऊगंज, मंदसौर, कटनी, नीमच, पूर्वी ग्वालियर, भिंड, दतिया/रत्नगढ़, जबलपुर/भेड़ाघाट, दमोह, खरगोन/महेश्वर, टीकमगढ़।
हल्की बारिश और बिजली गिरने की संभावना वाले जिले
मुरैना, पश्चिमी ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, रतलाम/ढोलावाड़, धार/मांडू, इंदौर/एयरपोर्ट, अनुपपुर/अमरकंटक, बड़वानी/बावंगजा, बुरहानपुर, विदिशा/उदयगिरि, दक्षिण देवास, दक्षिण सीहोर, हरदा, सागर, निवाड़ी/ओरछा, पूर्वी रायसेन, नर्मदापुरम/पचमढ़ी, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा/पेंच, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर।
किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में काम करते समय बादलों की गर्जना और चमक पर ध्यान दें और बारिश शुरू होते ही सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।