उज्‍जैन, जबलपुर, इंदौर, रीवा सहित कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अपने जिले का हाल

मध्य प्रदेश में भारी बारिश की संभावना: अगले कुछ दिनों तक झमाझम बारिश

भोपाल/जबलपुर। भारतीय मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में आगामी दिनों में मौसम काफी बिगड़ सकता है। राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में 28 जुलाई तक भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। विशेषकर पश्चिम और पूर्वी मध्य प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जैसी स्थिति बन रही है। इसके तहत उज्जैन, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, सिंगरौली, रीवा, सीधी जैसे जिले प्रभावित हो सकते हैं।

जबलपुर में नौदरा ब्रिज के समीप बारिश से बचने लोग तरह तरह के उपाय करते नजर आए। 

बीते 24 घंटे में कई जिलों में तेज बारिश

23 जुलाई को सुबह 8:30 बजे तक पश्चिम मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के झरदा में 12 सेमी, अगर-मालवा के बरोद में 10 सेमी और सीहोर के इच्छावर में 8 सेमी बारिश दर्ज की गई। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि मानसून तेजी से सक्रिय हो गया है और आगामी दिनों में बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी। जबलपुर में भी दोपहर बाद झमाझम बारिश हुई। जिससे सड़कों पर जलप्‍लावन की समस्‍या निर्मित हो गई थी। निचली बस्तियों में पानी भरने से लोगों को काफी असुविधा हुई।

जबलपुर के हृदय स्‍थल कहे जाने वाले सिविक सेंटर में सड़क पर पानी भर गया था।

घाट क्षेत्रों और पूर्वी जिलों में भी भारी वर्षा के आसार

24 और 25 जुलाई को महाराष्ट्र की सीमा से लगे पश्चिमी घाट क्षेत्रों और पूर्वी मध्य प्रदेश के जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन दिनों के दौरान चंबल, नर्मदा, ताप्ती और उनके सहायक नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।

तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश का पूर्वानुमान

मौसम विभाग का कहना है कि अगले 5-7 दिनों तक कई जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चल सकती हैं। इससे पेड़ों और बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। खुले क्षेत्रों और खेतों में काम करने वाले किसानों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

मछुआरों और यात्रियों के लिए विशेष चेतावनी

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाओं के कारण समुद्र अशांत रहेगा। मध्य प्रदेश से लगे जल निकायों में मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 28 जुलाई तक नाव लेकर न उतरें। साथ ही, यात्रियों को पहाड़ी और नदी वाले क्षेत्रों से गुजरते समय सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

प्रशासन और नागरिकों के लिए सुझाव

मौसम के इस बदले स्वरूप को देखते हुए प्रशासन को चाहिए कि राहत एवं बचाव दल अलर्ट मोड में रखें। निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को समय पर सूचना देने और आवश्यकतानुसार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की जाए। नागरिकों से अपील है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

फसलों को नुकसान की आशंका, किसान रहें सतर्क

तेज बारिश के चलते खेतों में पानी भरने और फसलों के गलने की स्थिति बन सकती है। विशेषकर खरीफ की बुआई कर चुके किसान जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान दें। कुछ क्षेत्रों में कीट प्रकोप भी देखने को मिल सकता है।

 

Back to top button