शिवाराधना के साथ करें काम क्रोध को नियंत्रित – स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी महाराज

नरसिंह मंदिर शास्त्री ब्रिज में श्रावण मास महोत्सव

जबलपुर। पावन श्रावण मास के अवसर पर श्रीमद् जगतगुरु नरसिंह पीठाधीश्वर पूज्य डॉ. स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव अपने हाथ में त्रिशूल लेकर काम, क्रोध और लोभ जैसे तीन विकारों को नियंत्रित करने का संदेश देते हैं। “तात तीनि अति प्रबल खल काम क्रोध अरु लोभ” – ये मानव जीवन के महाशत्रु हैं जिन्हें पूर्ण रूप से नष्ट तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।

शिव का क्रोध और करुणा

महाराज जी ने बताया कि भगवान महादेव भी क्रोधित होते हैं, लेकिन केवल क्षण भर के लिए। कामदेव को भस्म करते समय वे क्रोधित हुए, परंतु कामदेव की पत्नी रति को देखकर द्रवित हो गए। यह दर्शाता है कि शक्ति का सही दिशा में प्रयोग पुण्य है और गलत दिशा में प्रयोग पाप है।

ऊर्जा का संतुलन ही शिवत्व

महाराज जी ने कहा कि काम, क्रोध और लोभ पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति स्वयं के साथ-साथ जगत के लिए भी कल्याणकारी बनता है। यही शिवत्व का मार्ग है।

पूजन अर्चन में भक्तों की सहभागिता

नर्मदेश्वर महादेव के रूद्राभिषेक, षोडशोपचार पूजन और आरती में एस. बी. मिश्रा, रामजी पुजारी, आचार्य रामफल शास्त्री, कामता गौतम, लालमणि मिश्रा, ब्रम्हचारी हिमांशु, प्रियांशु सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे।

नित्य महारुद्राभिषेक

नरसिंह मंदिर में प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से परम पूज्य महाराज जी के सान्निध्य में महारुद्राभिषेक पूजन का आयोजन किया जा रहा है।

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