नरसिंहपुर में बाढ़ देखने गए दो बालकों की नदी में डूबने से मौत, एक लापता

नरसिंहपुर। सींगरी नदी की बाढ़ में डूबने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक अन्य बालक लापता है। मृत बच्चों की उम्र करीब 11 वर्ष बताई जा रही है और लापता बच्चा 12 वर्षीय है, जिसकी तलाश एसडीआरएफ की टीम कर रही है।

स्टेशनगंज थाना प्रभारी रत्नाकर हिंग्वे ने बताया कि शहर से लगे विपतपुरा गांव निवासी अक्षत पिता डालचंद मेहरा, वासु पिता दीपेश अग्रवाल और कृष्णा पिता मनोज प्रजापति बीते मंगलवार की शाम पास के मैदान में खेल रहे थे। इसी दौरान वे केंद्रीय जेल के पीछे बह रही सींगरी नदी की बाढ़ का नजारा देखने चले गए और रात तक घर नहीं लौटे।

परिजनों ने जब देर रात तक बच्चों के न लौटने पर चिंता जताई तो रात करीब सवा नौ बजे पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद तलाश शुरू हुई। बुधवार सुबह पहले अक्षत का शव बरामद हुआ और कुछ देर बाद वासु का शव भी मिल गया। तीसरे बच्चे कृष्णा की तलाश लगातार जारी है।

होमगार्ड, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर नदी में कृष्णा को खोजने का प्रयास कर रहे हैं। नदी की तेज धारा और बढ़े हुए जलस्तर के कारण सर्च ऑपरेशन में कठिनाई आ रही है, लेकिन राहत दल लगातार प्रयासरत है। इस घटना से गांव और परिजन शोक में डूबे हुए हैं।

नदी किनारे जाना खतरों से खाली नहीं

विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ के दौरान नदियों के किनारे जाना, फोटो या वीडियो लेने के लिए पुल या तट पर खड़े होना, बहाव के पास सेल्फी लेना आदि बेहद खतरनाक हो सकता है। प्रशासन द्वारा कई जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाते हैं, लेकिन जिज्ञासा या लापरवाही के चलते लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।

बाढ़ के दौरान क्या न करें?

  • नदी या नाले के किनारे खड़े न हों, खासकर तेज बहाव वाले क्षेत्रों में।

  • बच्चों को कभी भी अकेले बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में न जाने दें।

  • सेल्फी या फोटो लेने के लिए खतरे वाले स्थानों पर न जाएं।

  • स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों को अनदेखा न करें।

  • बाढ़ का पानी पार करने की कोशिश न करें, चाहे गाड़ी हो या पैदल।

सावधानी ही सुरक्षा है
यदि आप बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में रहते हैं, तो रेडियो या स्थानीय खबरों से लगातार अपडेट लेते रहें। ज़रूरी दवाएं, बैटरी, टॉर्च और सूखा भोजन तैयार रखें। कोई भी आकस्मिक स्थिति आने पर राहत एजेंसियों या प्रशासन से संपर्क करें।

बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन थोड़ी सी समझदारी और सतर्कता से इससे होने वाली जान-माल की हानि को रोका जा सकता है। याद रखें – देखने की उत्सुकता जान जोखिम में डाल सकती है।

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