
जबलपुर। ललपुर रोड, गौरीघाट स्थित श्री सिद्ध रजत गणेश मंदिर में बुधवार को श्री गणेश जन्मोत्सव के अष्टम दिवस पर भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री गणेश जी के 1000 नामों का हरित सब्ज़ियों द्वारा सहस्त्रार्चन किया गया। श्री गणेश का शर्करा रस से अभिषेक, पूजन और अर्चन संपन्न हुआ। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और भक्तों ने रजत गणेश समक्ष अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु अर्जी लगाई।
स्वामी प्रमोद महाराज का उद्बोधन
श्री गणेश पूजा के पूर्व संस्थापक महंत स्वामी श्री प्रमोद महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री गणेश जी की पूजा सम्पूर्ण भारतवर्ष में ऐहिक एवं आमुष्मिक दोनों प्रकार के सभी कार्यों में अनिवार्य है। श्रौत विधि से सम्पन्न होने वाले अनेक कृत्यों में गणपति पूजन किया जाता है। मंगल कार्यों, दीपावली जैसे उत्सवों पर गणेश जी के चित्र बनाए जाते हैं और उनकी आराधना की जाती है।
उन्होंने कहा कि श्री गणेश जी की पूजा से विघ्नों की शांति होती है और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
यही कारण है कि वे सभी कार्यों में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। महंत जी ने यह भी बताया कि योग शास्त्र की साधना में प्रसिद्ध षट्चक्रों के भेदन की प्रक्रिया में प्रथम चक्र ‘मूलाधार चक्र’ है जिसे गणेश स्थान भी कहा जाता है। योग में सिद्धि की प्राप्ति तभी होती है जब साधक सबसे पहले इस गणेश स्थान में भगवान गणेश का साक्षात्कार करता है।

विशेष श्रृंगार और महाआरती
अष्टम दिवस के अवसर पर रजत गणेश जी का हरित वस्त्रों से विशेष श्रृंगार किया गया। शाम को सांयकालीन भव्य महाआरती का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आरती के बाद भंडारे का आयोजन किया गया।
भक्तगणों की सहभागिता
पूजन विधि आचार्य रामकिशोर द्वारा सम्पन्न कराई गई। इस अवसर पर भक्तगणों में प्रमुख रूप से प्रकाश रानू कुशवाहा, रामस्वरूप-राजकुमारी तिवारी, कौशल-अंकिता श्रीवास्तव, योगेंद्र- महक सेठी, दीपक अग्रवाल, खुशबू सोनी, संज्ञा सोनी और मृदुला चौहान सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
मंदिर परिसर में पूरे दिन भक्तिभाव, भक्ति-गान और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।