
जबलपुर। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में अजब गजब हो रहा है। ऑनलाइन लाइन काउंसिंग में यदि सभी संबंधित प्राइवेट कॉलेज ही पोर्टल पर नजर न आएं तो विद्यार्थी क्या करे और वे कॉलेज क्या करें जिनकी सीट खाली रह जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया ने दोषी कौन?
एफिलेशन ही नहीं किया
बीए,बीकाम,बीएससी जैसे ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कराने वाले प्राइवेट कॉलेजों को एफिलेशन (संबद्धता) नहीं मिली है। यूनिवर्सिटी से इस सत्र के लिए भी अधिकांश प्राइवेट कालेजों को संबद्धता नहीं मिली है। इससे आनलाइन पोर्टल पर इन कालेजों का नाम नहीं दिख रहे हैं।
35 कॉलेजों के नाम आए
एफिलशन की कड़ी में बीएड,एमएड के 35 कालेजों को संबंद्धता जारी करने के आदेश हुए हैं अभी 6 बीएड कॉलेजों के नाम नहीं हैं।
कौन है जिम्मेदार
रादुविवि और हायर एजुकेशन के बीच इस मामले में किसकी ओर से देरी हो रही है। एफिलेशन की प्रक्रिया पूरी हुई नहीं और हायर एजुकेशन ने 15 मई से ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। जो एफिलिएट नहीं हुए वे प्राइवेट कालेज अभी तक एडमिशन की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए हैं।
इनकी भी सुनें,,,,
प्राइवेट कॉलेज प्रशासन इस व्यवस्था से परेशान होकर कह रहे हैं कि यूनिवर्सिटी की तरफ से पोर्टल पर प्रोफाइल लॉक करने में देरी से उनके अवसर कम हो रहे हैं। इधर रादुविवि प्रशासन गेंद हायर एजुकेशन के पाले में डाल रहा है।
कुलसचिव आरआर बघेल का कहना है कि अभी 35 बीएड कालेजों के नाम जोड़ दिए गए है छह कालेज अभी बाकी हैं।