
रीवा। रीवा शहर में 26 और 27 जुलाई को आयोजित रीजनल पर्यटन कॉन्क्लेव का भव्य आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। इस कॉन्क्लेव में पर्यटन से जुड़े 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसमें विभिन्न राज्यों के निवेशक, उद्यमी और पर्यटन विशेषज्ञ शामिल थे।
विन्ध्य क्षेत्र को मिला तीन हजार करोड़ से अधिक का निवेश
कॉन्क्लेव में विंध्य क्षेत्र के रीवा और शहडोल संभाग के पर्यटन स्थलों में करीब 3000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। इसमें प्रमुख रूप से फ्लाई ओला के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीराम ओला ने 700 करोड़ रुपये की हवाई सेवा विस्तार योजना जताई। वहीं, आरसीआरसीपीएल और विन्ध्य प्राइड के संचालक दिव्यांश सिंह बघेल ने 500 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव रखा।
बड़े निवेशकों ने दिखाई रुचि
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रतिष्ठित निवेशकों ने भी अपना योगदान देने की मंशा जताई। अमित दिग्विजय सिंह ने 500 करोड़, समदड़िया बिल्डर्स ने 300 करोड़, जंगल कैंप इंडिया के गजेन्द्र सिंह राठौर ने 150 करोड़ और गौरव प्रताप सिंह तथा पुष्पराज सिंह ने क्रमश: 100-100 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पेश किए।
हेरिटेज और रिसॉर्ट क्षेत्र में भी निवेश
राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस के मैनेजिंग डायरेक्टर मानवेन्द्र सिंह शेखावत ने हेरिटेज प्रॉपर्टीज़ में 100 करोड़ रुपये का निवेश करने की मंशा जताई। अनुज प्रताप सिंह ने 80 करोड़ और अनिल अग्रवाल ने 150 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव कॉन्क्लेव में प्रस्तुत किया।
पर्यटन स्थलों के विकास के लिए आधारभूत सुविधाओं पर जोर
कॉन्क्लेव में पर्यटन स्थलों पर होमस्टे, होटल, रिसॉर्ट, एडवेंचर और वाटर गेम्स जैसी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया। प्रस्तावित निवेशों से क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटक सुविधाओं और स्थानीय कला-संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
विन्ध्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को मिलेगा नया आयाम
पर्यटन विशेषज्ञों ने कहा कि इस निवेश से विन्ध्य के प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवन, लोक कला और ग्रामीण पर्यटन को विश्वस्तर पर पहचान मिलेगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पर्यटन से बदलेगा विंध्य का भविष्य
रीवा में आयोजित रीजनल पर्यटन कॉन्क्लेव, विन्ध्य क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकता है। निवेश की यह बौछार न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी बल्कि समग्र विकास, रोजगार सृजन और सांस्कृतिक संरक्षण में भी सहायक होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पर्यटन को एक नई ऊंचाई देने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है।