
जबलपुर। श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। नरसिंह मंदिर, शास्त्री ब्रिज में आयोजित श्रावण मास महोत्सव के तृतीय सोमवार को नर्मदेश्वर महादेव का भव्य रूद्राभिषेक, षोडशोपचार पूजन-अर्चन और आरती की गई। इस अवसर पर श्रीमद् जगतगुरु नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि शिव को पाने के लिए राम नाम का जाप करना चाहिए।
काम पर विजय प्राप्त करना कठिन, शिव ही हैं देवों में श्रेष्ठ
स्वामी जी ने कहा कि जीवन में काम (इच्छाओं, वासनाओं) पर विजय प्राप्त करना अत्यंत कठिन है। भगवान शिव इसलिए देवों के देव महादेव कहलाते हैं क्योंकि उन्होंने काम को भस्म कर दिया। उन्होंने वासना नहीं, उपासना को अपनाया। शिव पूर्ण काम हैं, तृप्त काम हैं। उनका जीवन लोभ-मुक्त है। उनके लिए केवल राम कथा, राम दर्शन और राम नाम ही काम्य हैं।
अंतर्मुखी साधक ही शिवत्व को प्राप्त करता है
शिवजी अंतर्मुखी हैं। अंतर्मुखी साधक ही शांत, प्रसन्नचित्त, क्षमावान और लोककल्याण के संकल्पों को पूर्ण करने में सक्षम होता है। स्वामी जी ने कहा कि शिव का जीवन हमें सिखाता है कि बाह्य आडंबरों से हटकर अंतःकरण की शुद्धता से परमात्मा की प्राप्ति की जा सकती है।
शिव को अर्पित किए गए विशेष पुष्प और पूजन सामग्री
इस अवसर पर नर्मदेश्वर महादेव का श्रृंगार अकौआ, धतूरा, बिल्वपत्र, कमल, गुलाब, रजनीगंधा और अन्य पुष्पों से किया गया। मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
भक्तों ने किया पूजन और रूद्राभिषेक
पूजन अर्चन में राजेन्द्र-इंदुलता प्यासी, भारत गौतम, सुभाष सिंह ठाकुर, सतीश मिश्र, एस.बी. मिश्र, उमेश तिवारी, शंकर चौदहा, सुभाष बिलैया, लालमन मिश्र, कामता शास्त्री, रामफल शास्त्री, ब्रह्मचारी हिमांशु, प्रियांशु, पवन सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
प्रतिदिन आयोजित हो रहा महारुद्राभिषेक
नरसिंह मंदिर में प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से परम पूज्य स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी के सान्निध्य में महारुद्राभिषेक पूजन आयोजित किया जा रहा है। श्रावण मास भर यह विशेष आयोजन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद और आंतरिक शांति प्रदान कर रहा है।