
जबलपुर। वैदिक ग्रंथों के श्रवण के साथ उनके उपदेशों को जीवन में अपनाना चाहिए, क्योंकि यही मार्ग जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति की ओर ले जाता है। श्रीमद् भागवत कथा, जीवनकाल में मोक्ष की कामना करते हुए हरि शरण में जाने का दिव्य मार्ग प्रस्तुत करती है। यह कथा जीव को प्रकृति और अन्य प्राणियों के साथ सद्कर्मों के साथ जीना सिखाती है। हर अवतार में श्रीहरि नारायण जीवों के कल्याण हेतु अवतरित होते हैं, इसलिए हरि भजन और हरि शरण में जाना परम आवश्यक है।

सनातन संस्कृति में सर्वकल्याण की भावना से ही यज्ञ और अनुष्ठान संपन्न होते हैं। श्रीमद् भागवत समस्त जीवों के कल्याण का महामंत्र है। उक्त उद्गार व्यास पीठ से श्रावण मास के पावन अवसर पर सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस पर श्रीमद् जगतगुरु नरसिंह पीठाधीश्वर पूज्य डॉक्टर नरसिंह दास देवाचार्य जी महाराज ने श्रीराम मंदिर मदन महल में व्यक्त किए।
श्रीमद् भागवत महापुराण में अनेक श्रद्धालुगण भाग ले रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से गीता पांडे, नीरा गुलशन मखीजा, विजया अरोरा, गुरूदासमल शर्मा, संगीता शर्मा, नीरु, मनोज शर्मा, प्रवीण गुलाटी, सोनिया जितिन नारंग, रमेश शर्मा, देवबाला चौबे, सोनाली बरसैंया, सुनीता मनीष पोपली, अनीता अग्रवाल, मीना मेंहदीरत्ता, सविता भाटिया, भावना मेहरोत्रा, शालू कपूर, अनिल चंडोक सहित श्रीराम मंदिर मदन महल महिला समिति के सदस्य विशेष रूप से सक्रिय हैं।
यह आयोजन 31 जुलाई से 7 अगस्त तक दोपहर 3 बजे से श्रीराम मंदिर मदन महल परिसर में प्रतिदिन संपन्न हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन कथा श्रवण के लिए उपस्थित हो रहे हैं।