
जबलपुर। श्रीराम मंदिर मदन महल में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का शुभारंभ 31 जुलाई से हो चुका है। यह आयोजन 7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से किया जा रहा है। इस कथा का वाचन श्रीमद् जगद्गुरु नरसिंह देवाचार्य जी महाराज द्वारा किया जा रहा है।
सत्कर्म से ही संकल्प की होती है पूर्ति
प्रथम दिवस के प्रवचन में पूज्य डॉक्टर नरसिंह देवाचार्य जी ने कहा कि संकल्पों को पूरा करने के लिए जीवन में सत्कर्म ही सिद्धि मार्ग सरल करते हैं। श्रीमद् भागवत महापुराण कलयुग में भक्ति और ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र उपाय है क्योंकि यह श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरुप है।
श्रीभागवत कथा है मन की शुद्धि का माध्यम
उन्होंने कहा कि “साबुन से तन की सफाई संभव है लेकिन मन की शुद्धि के लिए भगवान का नाम स्मरण और श्रीमद् भागवत कथा ही एकमात्र उपाय है।” भागवत कथा श्रवण से जीव भगवान को तन, मन और धन समर्पित कर देता है, और तब उसके जीवन का समस्त भार भगवान स्वयं उठा लेते हैं।
समर्पण और भक्ति का संदेश
कथा स्थल को भक्ति और ज्ञान की गंगा का पावन तट बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां श्रीमद् भागवत कथा होती है, वहां तीनों लोक उपस्थित हो जाते हैं। ऐसी कथा में भागीदारी स्वयं में परमानंद का अनुभव कराती है।
समाजसेवियों और श्रद्धालुओं की सहभागिता
श्रीमद् भागवत कथा आयोजन में प्रमुख रूप से गीता पांडे, नीरा गुलशन मखीजा, विजया अरोरा, पार्षद निशा राठौड़, प्रतिभा भापकर, संगीता शर्मा, नीरु, मनोज शर्मा, प्रवीण गुलाटी, सोनिया जितिन नारंग, रमेश शर्मा, देवबाला चौबे, सोनाली बरसैंया, सुनीता मनीष पोपली, अनीता अग्रवाल, मीना मेंहदीरत्ता, सविता भाटिया, भावना मेहरोत्रा, शालू कपूर, प्रवेश खेड़ा, जगदीश साहू, विष्णु पटेल, विध्येश भापकर, अनिल चंडोक सहित श्रीराम मंदिर महिला समिति की सक्रिय भूमिका रही।
कथा सुनने के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
हर दिन दोपहर तीन बजे से आरंभ हो रही श्रीमद् भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। श्रद्धालुओं में भक्तिभाव, शांति और ज्ञान की झलक स्पष्ट दिखाई देती है।