
जबलपुर। श्रावण मास के पावन अवसर पर श्रीराम मंदिर मदन महल में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के चतुर्थ दिवस पर व्यास पीठ से श्रीमद् जगतगुरु नरसिंह पीठाधीश्वर पूज्य डॉ. नरसिंह देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि परिवार में सनातन संस्कृति और वैदिक संस्कारों का पालन अत्यंत आवश्यक है।

भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के उदाहरण से दी सीख
उन्होंने बताया कि त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण पश्चात भी पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव, विछोह और संघर्ष देखने को मिला। इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी रिश्ते ईश्वरीय कृपा से ही मिलते हैं, उन्हें हम चुन नहीं सकते। इसलिए परिवार में आपसी सामंजस्य, प्रेम, त्याग और धार्मिक संस्कारों को अपनाना चाहिए।
सनातन परंपराओं और ग्रंथों का पठन जरूरी
पूज्य महाराज जी ने कहा कि आज के समय में पारिवारिक विखंडन को रोकने के लिए प्रत्येक परिवार को सनातन संस्कृति को आत्मसात करना होगा। वैदिक ग्रंथों का पठन, मनन और उसका आचरण ही पारिवारिक जीवन को सुखद और स्थायी बना सकता है।

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर भक्तों ने की विशेष उपस्थिति
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर श्याम साहनी, अशोक मनोध्या, गुलशन मखीजा, मनोज शर्मा, जितिन नारंग, विष्णु पटेल, प्रवेश खेड़ा आदि श्रद्धालु विशेष रूप से उपस्थित रहे। श्रीराम मंदिर महिला समिति की सक्रिय सदस्याओं – गीता पांडेय, सुनीता अरोड़ा, सुदेश खुराना, संगीता शर्मा, रुक्मणि अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, अनीता अग्रवाल, संगीता सेठ, बीना मल्होत्रा, भावना मल्होत्रा, सविता भाटिया, शालू कपूर तथा अनिल चंडोक ने आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई।
7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से हो रही कथा
यह सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा 31 जुलाई से प्रारंभ होकर 7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से श्रीराम मंदिर मदन महल में आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण हेतु उपस्थित हो रहे हैं।