
जबलपुर। श्रावण मास में धर्म और भक्ति की महागंगा बह रही है। ऐसे ही पावन अवसर पर शास्त्री ब्रिज स्थित नरसिंह मंदिर में आयोजित श्रावण मास महोत्सव के अंतर्गत आयोजित नर्मदेश्वर महादेव के रुद्राभिषेक एवं पूजन-अर्चन में श्रीमद् जगतगुरु नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी महाराज ने भक्तों को जीवन के आध्यात्मिक रहस्यों से अवगत कराया।
नीलकंठ महादेव से सीखें जीवन की विषमताओं से निपटना
स्वामी जी ने कहा कि भगवान शिव का एक नाम नीलकंठ है क्योंकि उन्होंने समुद्र मंथन में निकले विष को लोककल्याण हेतु अपने कंठ में धारण कर लिया। उन्होंने उस विष को न निगला और न ही बाहर फेंका। इसी से हमें यह सीख मिलती है कि विषमता, पीड़ा या विषय-विकार जब भी जीवन में आएं, तो उन्हें भीतर न जाने दें और न ही मुख से प्रकट करें।
चित्त को विषम विचारों से दूर रखें
स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी ने कहा कि यदि विषमता रूपी विष चित्त में प्रवेश कर गया, तो वह जीवन की समस्त शांति, सुख और आनंद को नष्ट कर देगा। इसीलिए विषय-विकारों या नकारात्मकता को केवल कंठ तक सीमित रखें, उसे हृदय या मन तक न पहुँचने दें। यही नीलकंठ महादेव के आनंदमय स्वरूप का रहस्य है।
पूजन में उमड़ा भक्तों का सैलाब
इस अवसर पर नर्मदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, षोडशोपचार पूजन-अर्चन एवं आरती संपन्न हुई। पूजन में लालमन मिश्र, कामता शास्त्री, रामफल शास्त्री, ब्रह्मचारी हिमांशु, प्रियांशु, पवन सहित अनेक भक्तों की उपस्थिति रही। मंदिर में आध्यात्मिक वातावरण और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
प्रतिदिन हो रहा महारुद्राभिषेक
नरसिंह मंदिर में श्रावण मास के पावन अवसर पर प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से परम पूज्य स्वामी नरसिंह देवाचार्य जी महाराज के सानिध्य में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।