
जबलपुर। ई-उपार्जन पोर्टल पर फर्जी प्रविष्टियों के जरिए करोड़ों की गेहूं खरीदी घोटाले का एक और मामला सामने आया है। इस बार मझौली सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित खरीदी केंद्र लटुआ रीछी पर 1,623 क्विंटल गेहूं की खरीदी दर्शाकर 42 लाख 19 हजार 800 रुपये की हेराफेरी की गई। मामले में केंद्र प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और सर्वेयर के खिलाफ सिहोरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच में सामने आया कि पोर्टल पर उन किसानों के नाम से भी खरीदी दर्शाई गई, जिन्होंने गेहूं बेचा ही नहीं। सर्वेयर द्वारा खेत का सत्यापन किए बिना खरीदी दर्ज की गई, जबकि कंप्यूटर ऑपरेटर ने ऑनलाइन प्रविष्टि में मिलीभगत दिखाई। यह घोटाला तब उजागर हुआ जब पिछले वर्षों के कई मामलों की तरह इस वर्ष भी पोर्टल के आंकड़े जमीनी हकीकत से मेल नहीं खा रहे थे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी जबलपुर जिले के अन्य उपार्जन केंद्रों पर इसी तरह के फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। शासन द्वारा पहले भी कई कर्मचारियों को निलंबित किया गया था और कई के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। अब फिर से सामने आए इस घोटाले ने उपार्जन व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने जांच तेज कर दी है और अन्य केंद्रों की खरीदी प्रक्रिया को भी स्क्रूटनी में लिया गया है।