
जबलपुर। बुजुर्गों के लिए बचत जरूरी है। यदि वे पेंशनर हैं तो रिटायरमेंट के बाद जो राशि मिलती है उसकी एफडी करा लीजिए। इस अवस्था में सुरक्षित निवेश जरूरी है। वैसे यदि वे युवा अवस्था से मार्केट के जानकार हैं तो म्युचल फंड और एसआईपी कर रहे होंगे। जिससे वे इस अवस्था में एसडब्ल्यूपी भी कर सकते है लेकिन जानकार कहते हैं कि इस आयु में सुरक्षित निवेश जरूरी है इसके लिए बैंक अच्छा ऑप्शन है।
ये है बैंकों की स्थिति
आरबीआई के द्वारा अप्रैल माह में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई है। इससे कुछ बैंकों ने एफ डी की ब्याज दरों में बदलाव किया है। लेकिन बैंक सीनियर सिटीजन को एफडी पर अधिक ब्याज दे रहे हैं। इसका लाभ सीनियर सिटीजन को लेते रहना चाहिए। बैंकों में 444 दिन,555 दिन,777 दिन की एफडी स्कीम भी है। इसका लाभ भी सीनियर सिटीजन ले सकते हैं।
एसआईपी कब करें
विशेषज्ञों का कहना है कि युवा अवस्था से ही एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) यदि करते हैं तो लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिलता है। इसका फायदा बुजर्गावस्था में बेहतर मिलता है क्योंकि तब तक काफी बड़ा इन्वेस्टमेंट हो जाता है। लेकिन इसकी शुरुआत युवा अवस्था से करनी चाहिए और बाजार के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी चाहिए। बुजुर्गावस्था में जोखिम नहीं लेना चाहिए। इस अवस्था में बैंकों में सुरक्षित डिपॉजिट को वरीयता देना चाहिए ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे और इमरजेंसी में आपको आपका पैसा तुरंत मिल सके।
निवेश में सतर्कता जरूरी
म्युचल फंड डिस्ट्रीब्यूटर अश्विनी रावल का कहना है कि निवेश में सतर्कता जरूरी है। निवेश करते वक्त आप एक्सपर्ट की सलाह लें ताकि किसी भी तरह के फ्रॉड से बच सकें। बैंक सीनियर सिटीजन और मोस्ट सीनियर सिटीजन के लिए एफडी में अच्छी ब्याज दर दे रहे हैं,उनमें आप बैंक की विश्वनीयता की पड़ताल करके निवेश कर सकते हैं। युवावस्था से यदि आपकी एसआईपी चल रही है तो रिटायरमेंट की आयु तक आपका निवेश अच्छा हो जाता है और लंबी अवधि होने पर रिटर्न अच्छा मिल सकता है ।