
भोपाल। मध्य प्रदेश के कई जिलों में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश से जहां भीषण गर्मी झेल रहे नागरिकों को राहत प्रदान की है, वहीं खरीदी केंद्रों में रखा अनाज भीगने से किसानों की मेहनत पर फेर दिया है। राजधानी भोपाल से लेकर इंदौर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, बालाघाट, ग्वालियर और जबलपुर तक बारिश का व्यापक असर देखने को मिला है।
भोपाल में शुक्रवार रात से शुरू हुई बारिश शनिवार और रविवार को भी जारी रही। केरवा और भदभदा डैम के गेट खोलने पड़े। इंदौर में करीब 3 इंच बारिश के चलते सड़कों पर जलभराव हो गया। उज्जैन, छिंदवाड़ा और बालाघाट में भी जोरदार बारिश दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों में जनजीवन थम सा गया।
सबसे ज्यादा चिंता की बात शासकीय खरीदी केंद्रों की स्थिति है। प्रदेशभर में जारी गेहूं खरीदी प्रक्रिया पर बारिश ने बुरा असर डाला है। कई जिलों में खुले में रखा गया अनाज भीग गया है। पक्की छत और टीन शेड की कमी के कारण किसानों की उपज पानी में भीगकर खराब होने लगी है। सागर, विदिशा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रीवा और सतना जिलों से शिकायतें मिली हैं कि खरीदी केंद्रों पर रखे गेहूं के बोरे कीचड़ में धंस गए हैं या गीले हो चुके हैं। कुछ केंद्रों पर बारदाने भीगने से उठाव और तुलाई कार्य रोकना पड़ा।
छोटे केंद्रों पर तो हालात और भी खराब हैं। कहीं-कहीं पर उपज की तुलाई नहीं हो पा रही और किसान अपनी बारी के इंतजार में बारिश में भीग रहे हैं। प्रशासन ने कुछ स्थानों पर तिरपाल की व्यवस्था की है, लेकिन वह भी अपर्याप्त साबित हो रही है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। सीहोर, रायसेन, शाजापुर, रीवा, सतना, सागर, शहडोल, जबलपुर और छिंदवाड़ा में विशेष अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में खरीदी केंद्रों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दमोह जिले में तेज हवा के चलते कई स्थानों पर पेड़ गिर गए हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है।
शासन ने राहत और बचाव दलों को सक्रिय कर दिया है, वहीं किसानों और खरीदी केंद्रों के संचालकों से अपील की गई है कि वे अनाज को ढंकने और सुरक्षित रखने की पहल करें।
प्रदेश के करीब 45 जिलों में हुई बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं खरीदी केंद्रों, यातायात व्यवस्था और ग्रामीण जीवन के लिए नई चुनौती भी खड़ी कर दी है। सरकार को अब बारिश से बचाव के लिए तत्काल इंतजाम करने की जरूरत है, जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद न हो।
फोटो/वीडियो- नरेश मिश्रा, मडि़यादो, दमोह