
भोपाल/जबलपुर। मध्य प्रदेश में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और इसका व्यापक असर प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिखाई दे रहा है। विशेष रूप से जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, नरसिंहपुर और आस-पास के क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश के कारण नर्मदा नदी सहित अन्य प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नर्मदा का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
जबलपुर में बढ़ा नर्मदा का जल स्तर
जबलपुर जिले में नर्मदा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। गौरीघाट के किनारे स्थित कई दुकानें आधे से अधिक पानी में डूब चुकी हैं। प्रसिद्ध नाग मंदिर तक पानी पहुंच गया है जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है। प्रशासन ने पहले ही संभावित बाढ़ को देखते हुए एहतियातन तैयारियां शुरू कर दी थीं और अब घाट के पास बसे दुकानदारों और रहवासियों को अलर्ट कर दिया गया है।
तिलवारा घाट और भेड़ाघाट की स्थिति
तिलवारा घाट और भेड़ाघाट में भी नर्मदा नदी का जल स्तर सामान्य से कई फीट ऊपर चला गया है। पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा की दृष्टि से आवाजाही पर नियंत्रण की संभावना जताई जा रही है। जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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मंडला, डिंडौरी, नरसिंहपुर: तेज बारिश जारी
मंडला, डिंडौरी और नरसिंहपुर जिलों में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। गांवों और कस्बों की कनेक्टिविटी बाधित हो गई है। खेतों में पानी भर गया है और कुछ इलाकों में फसलें भी क्षतिग्रस्त होने की खबरें आ रही हैं। प्रशासन द्वारा राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं, हालांकि कई इलाकों तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।

प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हालात गंभीर
मध्य प्रदेश के अन्य जिले बालाघाट, छिंदवाड़ा, रीवा, सीधी, सतना, बैतूल, होशंगाबाद (नर्मदापुरम), कटनी और सिवनी में भी लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। छोटे-बड़े नदी-नालों में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है। सड़कों पर पानी बह रहा है और अनेक मार्गों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है।
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प्रशासन की सतर्कता और अलर्ट जारी
राज्य शासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। नर्मदा के साथ-साथ तवा, बेतवा, चंबल और सोन नदियों के जल स्तर की निगरानी की जा रही है। जिन जिलों में बाढ़ की संभावना है, वहां स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविर तैयार किए जा चुके हैं और आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
बाढ़ और बारिश से जुड़े खतरे अभी बाकी
मौसम विभाग के अनुसार आगामी 48 घंटे प्रदेश के कई हिस्सों में और अधिक बारिश की संभावना है। इससे नदियों का जल स्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। विशेष रूप से नर्मदा घाटी क्षेत्र और उससे लगे जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
फोटो: रवीन्द्र विश्वकर्मा