
सतना। मध्यप्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते 48 घंटों से जारी तेज़ बारिश ने नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। खासकर चित्रकूट, मैहर और रीवा में हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। प्रशासन लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहा है और राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं। दमोह, जबलपुर सहित अन्य जिलों में भी बारिश का दौर जारी है। रीवा में झमाझम बारिश के दौरान एयरपोर्ट की दीवार भी भरभराकर गिर गई। एयरपाेेर्ट का उद्घाटन करीब 10 माह पहले ही हुआ था।
चित्रकूट में मंदाकिनी नदी उफान पर
चित्रकूट में लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। रामघाट, भरतघाट समेत जिले के सभी प्रमुख घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि पुरानी लंका तिराहा और एमपीटी तिराहा तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कई जगह नावों से आवाजाही हो रही है, जिससे 2003 की बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं। प्रशासन ने नदी किनारे जाने पर रोक लगाई है और स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

मैहर में तमस और लिलजी नदी ने बढ़ाई मुसीबत
मैहर जिले में भी हालात खराब होते जा रहे हैं। यहां तमस और लिलजी नदी उफान पर हैं। नगर के कई इलाकों में जलभराव हो गया है। मां शारदा मंदिर रोड पूरी तरह से अवरुद्ध है। पुलघटा, देवधारा और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में पानी घरों और दुकानों तक घुस गया है। नागरिकों ने प्रशासन से जलनिकासी की व्यवस्था करने की गुहार लगाई है। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ा है।
वहीं, चित्रकूट-रीवा मार्ग पर मझगवां थाना क्षेत्र के पटनी गांव के पास चकरा नाला उफान पर है। पुलिस मौके पर मौजूद है और लोगों को नाले के पास न जाने की हिदायत दी जा रही है।
प्रदेश भर में अलर्ट, राहत और बचाव कार्य जारी
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए टीमें तैनात कर दी हैं। प्रभावित इलाकों में नावों और अन्य संसाधनों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कई जगह प्रशासन ने राहत शिविर भी बनाए हैं।
रिपोर्ट: फिरोज बागी