
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर 35 मिनट बात की। मोदी ने ट्रंप को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। पीएम ने कहा कि भारत ने कभी भी किसी तीसरे देश की न तो मध्यस्थता स्वीकारी है न कभी स्वीकार करेगा। मोदी ट्रंप की फोन पर बात की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दी।
विक्रम मिसरी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात G-7 साइडलाइन पर तय थी लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी अमरीका वापस लौटना पड़ा। जिससे यह मुलाकात नहीं हो सकी। ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात करने आग्रह किया था। इसके बाद दोनों ने फोन पर बात की। विक्रम मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात करके शोक संवेदनाएं व्यक्त की थीं।
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपना समर्थन जताया था। उसके बाद 18 जून को पहली बार दोनों की बातचीत हुई। जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने न कभी किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार की है न स्वीकार करेगा। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े किसी भी घटनाक्रम में व्यापार से जुड़े किसी विषय पर बात नहीं हुई है, कोई ट्रेड डील नहीं हुई है। सैन्य कार्रवाई रोकने की बात भारत और पाक दोनों की सेनाओं के एक्जिस्टिंग चैनल के माध्यम से पाक के आग्रह पर हुई थी।
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि अब आतंकवाद से जुडी घटनाओं पर प्रॉक्सी वार नहीं सीधे युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। मिसरी ने बताया कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि भारत ने 6-7 मई को पाक और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।