उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्‍तीफा स्‍वीकृत, चौंका विपक्ष

धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्‍त 2027 तक था

नई दिल्‍ली। उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्‍तीफा राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्‍वीकार लिया है। मंगलवार को राज्‍यसभा की कार्यवाही जेडीयू सांसद हरिवंश ने की। संसद सत्र के बीच इस्‍तीफा देने वाले पहले उपराष्‍ट्रपति हैं। उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्‍तीफे से विपक्ष के साथ ही पूरा देश चौंक गया है कि अचानक ऐसा क्‍या हो गया कि उन्‍होंने इस्‍तीफा दे दिया। उन्‍होंने इस्‍तीफे का कारण स्‍वास्‍थ्‍य बताया है लेकिन विपक्ष इसके पीछे कुछ और वजह खोजने में लगा है। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्‍त 2027 तक था। उपराष्‍ट्रपति के इस्‍तीफे को विपक्ष चौंकाने वाला बता रहा है इसके पीछे कई अटकलें लगा रहा है खासतौर से बिहार चुनाव को भी इसकी वजह बता रहा है।

पीएम मोदी ने उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की कामना की

पीएम नरेंद्र मोदी ने उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की कामना करते हुए एक्‍स पर ट्वीट किया। पीएम ने कहा कि श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित अनेक भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की कामना करता हूं।

विपक्ष ने उठाए सवाल, बताई बैठक की पृष्ठभूमि

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि कल उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दोपहर 12.30 बजे बीएसी की अध्‍यक्षता की थी। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू भी शामिल थे। बैठक में यह निर्णय हुआ कि अगली बैठक उसी दिन शाम 4.30 बजे होगी। शाम को तय समय पर बैठक शुरू हुई लेकिन बैठक में जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू नहीं पहुंचे। उनका इंतजार किया गया। उनके नहीं आने की सूचना धनखड़ को पहले नहीं दी गई। यह उनकी गरिमा और पद की अवहेलना थी। उचित रूप से उन्‍होंने इस पर आपत्ति जताई। बैठक को अगले दिन 1 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया।

क्‍या यह राजनीतिक पटकथा थी?

ऐसा क्‍या घटनाक्रम हुआ कि बैठक में दोनों मंत्री नहीं पहुंचे। उपरष्‍ट्रपति ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए इस्‍तीफा दे दिया। इसके पीछे वजह सेहत बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए। लेकिन इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हो सकते हैं।

बिहार चुनाव से जोड़ रही कांग्रेस

कांग्रेस नेता सुखदेव भगत ने उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्‍तीफे को बिहार चुनाव से जोड़ते हुए लिखा है कि राजनीति में कुछ भी अचानक नहीं होता। पटकथा पहले से लिखी जाती है। बिहार चुनाव नजदीक हैं। यह एक पहलू हो सकता है।

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