शिक्षा को समावेशी, सुलभ एवं समतामूलक बनाना ऑडियो बुक का उद्देश्य – प्रो. अलकेश चतुर्वेदी

जबलपुर। शिक्षा को सभी के लिए समान रूप से सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए व्यक्तित्व विकास ऑडियो बुक (आईएसबीएन) का भव्य विमोचन किया गया। यह अवसर राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर आयोजित राष्ट्रीय व्याख्यान के दौरान आया, जिसका आयोजन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली एवं प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में शहीद स्मारक प्रेक्षागृह, गोल बाजार, जबलपुर में किया गया।
यह विशेष ऑडियो बुक डॉ. सुमित पासी, पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली एवं डॉ. नीलिमा, अतिथि विद्वान, प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल अग्रणी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा रचित है। ऑडियो बुक को विशेष रूप से दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
इस ऑडियो बुक का विमोचन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल भाई कोठारी, मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक डॉ. अशोक कड़ेल, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के कुलगुरू डॉ. राजेन्द्र कुरारिया, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय संयोजक श्री ए. विनोद तथा प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल अग्रणी महाविद्यालय, जबलपुर के प्राचार्य एवं मध्य प्रदेश पाठ्यपुस्तक स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ. अलकेश चतुर्वेदी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
प्रेस से चर्चा करते हुए डॉ. अलकेश चतुर्वेदी ने बताया कि यह ऑडियो बुक प्रदेश के उन सभी दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों को समर्पित है, जो शिक्षा के पथ पर अदम्य साहस और जिजीविषा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा “यह ऑडियो बुक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नवीन अध्यतन पाठ्यक्रम पर आधारित है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को समावेशी, सुलभ एवं समतामूलक बनाना है। इस पुस्तिका के द्वारा विशेष आवश्यकताओं वाले विद्यार्थी भी समान अवसरों के साथ शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ पाएंगे और यह ऑडियो बुक दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक उपयोगी संसाधन सिद्ध होगी और उन्हें ज्ञान की ओर अग्रसर करने में सहायक बनेगी।”
कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलगुरू, विभिन्न प्रांतों से पधारे शिक्षाविदों के साथ-साथ जबलपुर नगर की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के प्राध्यापक, शिक्षक एवं प्रतिनिधिगणों की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी ने इस अभिनव प्रयास की सराहना की और इसे दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।

Related Articles

Back to top button