
जबलपुर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश उपाध्यक्ष (ओबीसी विभाग) एवं पूर्व प्रदेश प्रवक्ता टीकाराम कोष्टा ने कहा कि अजब गजब मध्य प्रदेश में जब से मोहन सरकार आई है, कमलनाथ सरकार में चल रहा ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ कार्यक्रम बंद हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन सरकार ने जनहित की योजनाओं को दुर्भावना से बंद कर दिया, जिससे जमाखोर और मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
कोष्टा ने कहा कि ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान की कमी के कारण खाद्य पदार्थों में जानलेवा मिलावट की शिकायतें आम हो गई हैं। खाद्य विभाग की निष्क्रियता के कारण लोग महंगे दाम चुकाने के बाद भी मिलावटी सामान खरीदने को मजबूर हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में 19 गाड़ियों का काफिला रीजनल इंडस्ट्रियल समिट के लिए इंदौर से आया था। रतलाम जिले के डोसी गांव स्थित भारत पेट्रोलियम के शक्ति फ्यूल पेट्रोल पंप पर इन गाड़ियों में डीजल भरवाया गया। डीजल भरते ही गाड़ियां पेट्रोल पंप पर ही बंद हो गईं। जांच में पाया गया कि डीजल में पानी मिला था, जिससे गाड़ियों के इंजन फेल हो गए।
कोष्टा ने कहा कि प्रदेश में पहले भी पेट्रोल पंपों में नापतोल की हेराफेरी और मिलावट की शिकायतें आम रही हैं, लेकिन शासन-प्रशासन मौन बना रहा। यह घटना ईंधन की गुणवत्ता और आम जनता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष टीकाराम कोष्टा, प्रदेश कोऑर्डिनेटर अलीम मंसूरी, राजेश पटेल, विजय अग्रवाल, मामूर गुड्डू, डॉक्टर मोइन अंसारी, अशोक चौधरी, लखन श्रीवास्तव, राजा खान आदि ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों पर नापतोल और मिलावट की जांच युद्धस्तर पर कराई जाए। अन्यथा कांग्रेस आंदोलन के लिए बाध्य होगी।