
जबलपुर। जिसके जीवन में सेवा और त्याग है, वही मनुष्य समाज में स्तुत्य एवं मूल्यवान भी है। वृक्ष हों, नदियां हों, पवन हों अथवा कोई जीव ही क्यों न हो जो समाज को कुछ देता है, वही देवता है, यही सनातन संस्कृति की विशाल दृष्टि है। ऐसे ही कोई मनुष्य जब समाज को देता है तो देवता के रूप में प्रतिष्ठित हो जाता है। प्रभु कृपा करते हैं तो किसी-किसी जीव के मन में सेवा का भाव जगाकर समाज सेवा का निमित्त बनाते हैं।
सेवा और त्याग का गुण ही समाज में किसी मनुष्य के मूल्य अथवा उपयोगिता का निर्धारण करता है। सेवा और त्याग दैवीय गुण अवश्य हैं, लेकिन सेवा और त्याग का अभिमान ही जीवन का सबसे बड़ा रोग भी है। मनुष्य हों अथवा देवराज इंद्र, कर्तापन का अभिमान जिसके भी भीतर आता है प्रभु द्वारा उसके अभिमान भाव को एक दिन चूर-चूर अवश्य कर दिया जाता है। समाज से लेना ही नहीं, समाज को देना भी सीखिए।
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उक्त उद्गार गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर 03 से 09 जुलाई बुधवार तक गीताधाम गौरीघाट में जगतगुरु डॉ स्वामी नरसिंहदेवाचार्य जी महाराज के पावन मुखारविंद से पूज्य सद्गुरुओं की सूक्ष्म उपस्थिति में समर्पित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस पर कहे गए।
गुरुपूर्णिमा महोत्सव 10 जुलाई को
10 जुलाई को श्री नृसिंह मंदिर तथा गीताधाम में गुरुपूर्णिमा महोत्सव, गुरुओं का पूजन, अर्चन वंदन धूमधाम से मनाया जाएगा। कलशयात्रा में स्वामी हनुमान दास महाराज, स्वामी बालकदास महाराज, नारायण स्वामी, ब्रह्मचारी हिमांशु, आचार्य रामफल शास्त्री, आचार्य कामता प्रसाद, आचार्य प्रियांशु और संदीप की विशिष्ट उपस्थिति रही।
कथा के द्वितीय दिवस की विशेष झलक
आज श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर गुरुओं को अपनी भावांजलि, प्रणामांजलि, पुष्पांजलि, पूजन अर्चन नन्दा परौहा, किरण पांडेय, गिरिजा बाई, विजय नेमा, रामसेवक पटेल, ऋषि पटेल, संजय विश्वकर्मा, विनोद तिवारी, उमा तिवारी, कमला दुबे, पुष्पा वाई, संदीप, अनीता तिवारी, रेखा, संतोष खंपरिया, सनी और मोनी परौहा ने किया।
उपस्थिति का आग्रह
गुरुपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन गीताधाम ग्वारीघाट में दोपहर 3 बजे से होगा। इसमें उपस्थित होने का आग्रह नरसिंह मंदिर, गीताधाम परिवार एवं श्री सनातन धर्म महासभा जबलपुर ने किया है।